फाइबर युक्त कटहल आंतों में गुड बैक्टीरिया के बढ़ता है और जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त होता है और इम्युनिटी बूस्ट होती है. हैं।
कटहल में मौजूद फाइबर पाचन को धीमा करता है, ब्लड में शुगर लेवल को बढ़ने से रोक पाता है. डायबिटीज वालों के लिए यह अच्छा ऑप्शन है.
कटहल में मौजूद फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट दिल को हेल्दी रखता है. बीमारियों का डर कम करता है.
कटहल में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होचे हैं, इसमें एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीकैंसर, एंटीअल्सर तत्व भी होते हैं जो शरीर में कैंसर सेल्स को बनने नहीं देते हैं. ये अल्सर में भी फायदेमंद होते हैं.
मिर्गी का दौरा पड़ने पर कटहल की छाल का चूर्ण बनाए और नाक में डाल दें तो मिर्गी का दौरा शांत हो जाएगा.
कटहल में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी त्वचा को हेल्दी रखते हैं. इसके सेवन से बढ़ती उम्र का असर कम होता है.
कटहल के नुकसान भी है. इसे ज्यादा खाने से अपच, दस्त, ब्लोटिंग या फिर एसिडिटी की परेशानी हो सकती है.
डस्ट या स्किन एलर्जी होने पर कटहल का सेवन न करना बेहतर होता है.
खून से जुड़ी परेशानी होने पर कटहल न खाए. कटहल कॉगुलेशन को बढ़ाता है और फिर समस्याएं बढ़ती जाती हैं.