जो अपना था वही किसी और का क्यूं है... कैफी आजमी की ये शायरी दिल घायल कर देंगी

Rahul Mishra
Dec 09, 2024

शेर 1

कोई ये कैसे बताए कि वो तन्हा क्यूँ है। वो जो अपना था वही और किसी का क्यूँ है।।

शेर 2

यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यूँ है। यही होता है तो आख़िर यही होता क्यूँ है।।

शेर 3

मेरा बचपन भी साथ ले आया। गाँव से जब भी आ गया कोई।।

शेर 4

आज फिर टूटेंगी तेरे घर नाज़ुक खिड़कियाँ। आज फिर देखा गया दीवाना तेरे शहर में।।

शेर 5

दिल की नाज़ुक रगें टूटती हैं। याद इतना भी कोई न आए।।

शेर 6

जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क। यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े।।

शेर 7

तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता। मिरी तरह तिरा दिल बे-क़रार है कि नहीं।।

शेर 8

इतना तो ज़िंदगी में किसी के ख़लल पड़े। हँसने से हो सुकून न रोने से कल पड़े।।

शेर 9

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो। क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो।।

शेर 10

ये किस तरह याद आ रही हो ये ख़्वाब कैसा दिखा रही हो। कि जैसे सच-मुच निगाह के सामने खड़ी मुस्कुरा रही हो।।

शेर 11

जो वो मिरे न रहे मैं भी कब किसी का रहा। बिछड़ के उनसे सलीक़ा न ज़िन्दगी का रहा।।

शेर 12

इन्साँ की ख़्वाहिशों की कोई इन्तिहा नहीं। दो गज़ ज़मीं भी चाहिए, दो गज़ कफ़न के बाद।।

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