कैलाश यात्रा के लिए भारी बुकिंग, उत्तराखंड से कैलास दर्शन को जाएगा पहला जत्था

Amrish Kumar Trivedi
Sep 20, 2024

Kailash Darshan कैलाश दर्शन

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में लिपुलेख दर्रे से कैलाश दर्शन परियोजना अक्टूबर के पहले हफ्ते से प्रारंभ होगी.

भारी बुकिंग

कैलाश दर्शन की पायलट परियोजना के लिए भक्तों में भारी उत्साह के बीच भारी बुकिंग हुई है. KMVN निगम और पर्यटन विभाग के पास भारी बुकिंग हुई है.

पिथौरागढ़ से गुंजी

कैलाश चोटी के दर्शन के लिए पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ से गुंजी ले जाया जाएगा. फिर पैदल रास्ता तय कर वो पुराने लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेंगे, जहां से वो कैलाश चोटी के दर्शन करेंगे.

60 पर्यटकों से प्रारंभ यात्रा

60 पर्यटकों के साथ कैलास यात्रा प्रारंभ होगी. 55 साल से कम उम्र के पर्यटकों को 15-15 के जत्थे में पुराने लिपुलेख दर्रे तक लाया जाएगा

बुकिंग सेंटर में पूछताछ बढ़ी

धारचूला आधार शिविर में आदि कैलाश यात्रा प्रारंभ होगी. कैलाश दर्शन की तारीख और बुकिंग के लिए कई गुना पूछताछ बुकिंग सेंटर पर हो रही है.

अक्टूबर के शुरुआत से यात्रा

पहले कैलाश दर्शन योजना 15 सितंबर से 30 अक्टूबर के बीच शुरू होनी थी. खराब मौसम के बाद ये अक्टूबर के पहले सप्ताह से प्रारंभ होगी.

धारचूला आधार शिविर

धारचूला आधार शिविर के प्रभारी का कहना है कि आदि कैलाश श्रद्धालुओं को पुराने लिपुलेख दर्रे से कैलाश दर्शन की सुविधा दी जाए तो व्यास घाटी में पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो सकती है

लिपुलेख दर्रे से दर्शन

पुराने लिपुलेख दर्रे से कैलाश दर्शन कार्यक्रम कैलाश मानसरोवर यात्रा के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. चीन सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा रखी है

कैलास यात्रा पर खर्च

कैलाश पर्वत दर्शन की इस यात्रा में 70-75 हजार रुपये खर्च आने का अनुमान है. इसमें आधार शिविर से करीब चार दिन लगने की संभावना है.

हेली सेवा का इस्तेमाल

सभी तीर्थयात्रियों को पिथौरागढ़ पहुंचना होगा. पिथौरागढ़ से हेली सेवा के जरिये गुंजी जाएंगे. तीसरे दिन वाहनों के जरिये गुंजी से नाभीढांग की यात्रा होग, जहां से ओम पर्वत के दर्शन होंगे.

कैलास मानसरोवर के दर्शन

नाभीढांग से तीर्थयात्री पुराने लिपुलेख के पास करीब आठ किलोमीटर के ट्रैक से व्यू प्वाइंट तक जाएंगे. यहां से कैलास मानसरोवर पर्वत के सीधे दर्शन होंगे.

सेना की सुक्षा

सेना और आईटीबीपी पूरी यात्रा की सुरक्षा में रहेगी. दर्शन के बाद इसी रास्ते से श्रद्धालुओं को वापस लाया जाएगा.

मेडिकल जांच जरूरी

हेरिटेज एयरवेज के हेलीकॉप्टर के जरिये 15-15 समूह में यात्री जाएंगे. यात्रा से पहले स्वास्थ्य संबंधीकई जांच होंगी. मेडिकल फिट पाए जाने पर ही यात्रा कराई जाएगी.

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