महाकुंभ में कल्पवास कब से, 25 लाख कल्पवासियों के लिए क्या इंतजाम

Zee Media Bureau
Jan 09, 2025

महाकुंभ का महत्व

13 जनवरी से 28 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन, जिसमें हर राशि और नक्षत्र के जातकों के लिए खास स्नान पर्व होंगे.

ग्रह-नक्षत्र का संयोग

29 जनवरी को चंद्रमा के मकर राशि में आने से महाकुंभ का विशेष महत्व होगा.

राशियों के लिए महत्व

मकर, कुंभ, मेष, वृषभ, मीन राशियों के जातकों के लिए विशेष रूप से कुंभ में स्नान करना शुभ रहेगा.

पारंपरिक आधार

जब बृहस्पति वृषभ राशि, सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में होते हैं, तो यह कुंभ पर्व का प्रमुख दिन होता है.

त्रिवेणी स्नान

कुंभ के स्नान पर्वों पर त्रिवेणी में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह धार्मिक परंपरा आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक मानी जाती है.

29 जनवरी मौनी अमावस्या

इस दिन विशेष संयोग बनेगा, जब सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के ग्रह परिवर्तन से अद्भुत फल मिलेगा.

कल्पवास आरंभ

13 जनवरी से कल्पवास का आरंभ होगा, इस दिन कल्पवासी यहां साधू संन्यासियों के साथ पूरे एक महीने तक का संकल्प लेंगे. जो एक महीने तक चलेगा.

कल्पवास में 20 से 25 लाख

सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान कल्पवास में प्रतिदिन 20 से 25 लाख श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे.

कल्पवासियों के लिए इंतजाम

कल्पवासियों के लिए महाकुंभ में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, चिकित्सा सुविधा, भंडारा, टेंट, सुरक्षा और बिजली की पुख्ता व्यवस्था की गई है.

कल्पवास का महत्व

शास्त्रों में माघ महीने में प्रयाग में कल्पवास का विशेष महत्व बताया गया है, जो पूरे माघ मास तक चलता है.

डिस्क्लेमर (धार्मिक मान्यता वाले में)

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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