अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक इमारतों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाने वाला लखनऊ अपने खान-पान के लिए काफी मशहूर है.
नबावी खाना हो या मिठाई, हर स्वाद यहां पर आपको मिलेगा. खाने के शौकीन लोगों के लिए लखनऊ किसी जन्नत से कम नहीं.
लखनऊ की सभी मिठाइयां वैसे तो काफी मशहूर हैं पर यहां की एक खास मिठाई है जो यही मिलती है. हो सकता है कि अलग-अलग शहरों में इसका अलग रूप रंग और स्वाद हो. सुबह हर सड़क पर मलाई-मक्खन वाले भइया अपना ठेला लिए घर-घर बेचने जाते हैं.
स्पाइसी फूड के साथ यहां की मिठाई के भी लोग दीवाने हैं. इस मिठाई को बनाने में सिर्फ सामग्री नहीं बल्कि मौसम अहम भूमिका निभाता है.
अगर आप सुबह इसे नहीं खा पाते तो लखनऊ के गोल दरवाजे के सामने यह सुबह-शाम आपका इंतजार कर रही होगी. लखनऊ का चौक इलाका खाने के शौकीनों का पसंदीदा अड्डा है.
मक्खन मलाई की रेसिपी कहने को तो बहुत आसान है, लेकिन ये मांगती है धैर्य और प्यार. सच बताएं तो, इसका सिर्फ नाम ही मक्खन मलाई है. असल में ये न तो मक्खन है और न ही मलाई.
मक्खन मलाई बनाने के लिए चाहिए होता है बहुत सारा दूध और इसमें बस थोड़ा सा ताजा सफेद मक्खन डाला जाता है. इसके बाद ठंडा होने के लिए 4-5 घंटा बाहर ही रख दिया जाता है.
रात में कायदे से बैठ कर इसे अच्छे से तब तक फेंटा जाता है, जब तक गाढ़ा न हो जाए. जब इसमें झाग आने लगे तो इसे देर रात या भोर में ओस में रखा जाता है.
ओस की मदद से यह झाग फूल जाता है और फिर इसमें केवड़ा, इलायची और चीनी मिलाई जाती है. फिर तैयार हो जाती है आपके लिए लजीज मक्खन मलाई.
यह डिश हिंदू राजाओं की टेबल पर सजती थी. उनके रसोईघर से निकलकर मुगल दरबार तक पहुंची और मुगल बादशाहों ने इसे पसंद किया. लखनऊ में यह डिश नवाबों के दौर से है. इस डिश का संबंध हिंदू और मुगल साम्राज्य के साथ है.