महाराज पाण्डु की दो पत्नी थी, देवी कुंती और देवी माद्री
माद्री मद्र राज्य की राजकुमारी थी जिनके भाई राजा शल्य थे.
एक ऋषि के श्राप के कारण पाण्डु किसी भी स्त्री से संबंध नहीं बना सकते थे नहीं तो उसी क्षण उनकी मृत्यु हो जाती.
हुआ भी वही, पांडु की मृत्यु अपनी पत्नी माद्री से संबंध बनाने के कारण हो गई.
अपने पति की मृत्यु के लिए माद्री ने खुद को जिम्मेदार ठहराया और प्राण त्याग दिया.
कुंती के मना करने पर भी माद्री ने पति वियोग में देहत्याग दिया.
माद्री के पीछे उनके दो पुत्र नकुल और सहदेव रह गए.
माद्री के दोनों पुत्रों का लालन-पालन पांडु की पहली पत्नी कुंती ने किया था.
डिस्क्लेमर- पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.