मां गंगा ने अपनी ही 7 संतानों को क्यों मारा

Padma Shree Shubham
May 21, 2024

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार हस्तिनापुर के राजा शांतनु गंगा से प्रेम करते थे और उनके सामने विवाह का प्रस्ताव भी रखा.

विवाह

तब गंगा ने शांतनु से कहा कि विवाह से पूर्व एक शर्त है कि उन्हें कभी भी किसी बात के लिए नहीं रोका जाएगा. नहीं वो हमेशा के लिए राजा को छोड़कर चली जाएंगी.

पुत्र रत्न की प्राप्ति

मां गंगा से असीम प्रेम करने वाले राजा शांतनु ने शर्त मानकर विवाह कर लिया. विवाह पश्चात जब गंगा मां को एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो मां गंगा ने उसे नदी में बहा दिया.

7 संतानों को नदी में बहा डाला

वहीं राजा शांतनु अपने वचन के कारण गंगा को रोक भी नहीं सकते थे और इस तरह एक-एक कर के मां गंगा ने अपने और राजा के 7 संतानों को नदी में बहा डाला.

राजा शांतनु

जब मां गंगा को आठवां पुत्र प्राप्त हुआ तो उसे भी माता नदी में बहाने गई लेकिन इस बार राजा शांतनु को ये देखा नहीं गया.

राजा शांतनु

राजा ने मां गंगा को रोकते हुए कहा कि मुझसे अब संतानों की हत्या देखी नहीं जाता. इस पर मां गंगा ने राजा शांतनु से कहा कि मैं संतानों की हत्या नहीं बल्कि उन्हें श्राप मुक्त कर रही हूं.

मृत्‍युलोक

मां गंगा ने राजा शांतनु को जानकारी दी कि उनके आठों पुत्र वसु थे जिन्हें वशिष्ठ ऋषि द्वारा श्राप मिला था. जन्‍म देने के साथ ही मैं मृत्‍युलोक से उन्हें मुक्ति दिला रही थी.

वशिष्ठ ऋषि

मां गंगा ने बताया कि जिस संतान को आपने बचाया है उसे अब इस धरती पर रहकर वशिष्ठ ऋषि का श्राप भोगना पड़ेगा.

आठवां पुत्र

शांतनु और मां गंगा का वही आठवां पुत्र आगे चलकर भीष्म पितामह हुए जो जीवन दुख, कष्ट भोगते रहे.

डिस्क्लेमर

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और माध्यमों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को मानने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह ले लें. ये सभी एआई से निकाले गए हैं, इन्हें वास्तिक चित्र न माना जाए. यह एक अनुमान है

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