महाभारत के युद्ध में कौरव और पांडवों के बीच हुए युद्ध में कई पराक्रमी योद्धाओं की कहानियां आज भी प्रचलित हैं.
कौरव और पांडवों के बीच युद्ध में कौरव पक्ष के सभी बड़े योद्धा मारे जा चुके थे.
कृपाचार्य के बाद कृतवर्मा दूसरा कौरव योद्धा था, जो महाभारत के यु्द्ध में जिंदा बचकर निकला था.
वृष्णि वंश के सात सेनानायकों में एक कृतवर्मा भोजराज ह्रदिक का बेटा था.
कृतवर्मा ने कौरवों का साथ दिया था. वह श्रीकृष्ण की नारायणी सेना का सेनापति था, जो कौरवों की ओर से युद्ध में शामिल हुई थी.
कृतवर्मा ने नारायणी सेना के साथ कई युद्ध में जीत हासिल की थी. उसने कई शक्तिशाली राजाओं को हराकर कई राज्यों को जीता था.
कृतवर्मा ने श्रीकृष्ण की अनुमति लेकर महाभारत के युद्ध में कौरवों का साथ दिया था.
उसने पांडवों के भीम, सात्यकि जैसे कई योद्धाओं को हराया था.
युद्ध में कृतवर्मा ने ऐसा कौशल दिखााय कि युद्ध के आखिरी तक न वो मरा और न ही उसकी सेना के कोई दूसरे सैनिक की मौत हुई.
महाभारत युद्ध के वर्षों बाद यादवों में छिड़े गृह युद्ध में कृतवर्मा की मृत्यु हो गई थी.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.