ठाकुर बांके बिहारी जी गर्मी में शीतलता के लिए देशी-विदेशी पुष्पों के बने बंगले में रहेंगे. ठाकुरजी के लिए सुगंधित पुष्प और लता-पताएं सुदंर बंगला बनाया जाएगा.
19 अप्रैल चैत्र शुक्ल एकादशी से श्री बांके बिहारी मंदिर में पहला भव्य फूल बंगला सजेगा.
निरंतर 107 दिन सुबह व शाम के समय मंदिर में तरह-तरह के फूल से फूल बंगले सजेंगे.
श्री बांके बिहारी मंदिर की प्राचीन परंपरा की माने तो चैत्र की कामदा एकादशी से मंदिर में ठाकुरजी को सजाया जाता है.
ठाकुर जी को पुष्पों, मेवा, फल जैसी सामग्री और भोग आदि की दिव्य झांकियां व बंगले बनाए जाएंगे ताकि वो शीतलता पा सकें. कुछ इस तरह की सेवा की जाएगी.
देवकाल से यह परंपरा चली आ रही है. 19 अप्रैल को कामदा एकादशी से लेकर चार अगस्त तक यानी सावन मास की अमावस्या तक प्रभु को सुगंधित पुष्पों से सजेगा.
फूल बंगले की सेवा के साथ साथ सेवायत गोस्वामी अपने आराध्य बांकेबिहारी महाराज को इस सेवा से जुड़े पदों का गायन भी करेंगे, ताकि उनके लाडले रीझ जाएं.
प्रभु को बंगलाओं से सेवा देने के लिए देश-विदेश के भक्तजन 6 माह पहले से ही इंतजार में लग जाते हैं. अपनी सेवा के लिए भी बुकिंग करवा लेते हैं.
जानकारी ये भी है कि बांके बिहारी जी को प्राचीन समय से सुगंधित पुष्पों व लताओं से सजाया जाता है.