बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है.
बुध को वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना जाता है.
इस गोचर के दौरान बुध कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे.
इस दौरान 18 दिन तक बुध तुला राशि में विराजमान रहेंगे.
उसके बाद 31 अक्टूबर को विशाखा नक्षत्र में गोचर करेंगे
फिर तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे.
बुध के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है.
बुध ग्रह के तुला में संचरण करने से इन राशियों के लिए शुभ संकेत होगा.
बुध ग्रह में तुला के आने से जातकों को पूरा लाभ मिलेगा.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी पुष्टि नहीं करता है.