सनातन धर्म के धर्म ग्रंथों में भी इन बातों का उल्लेख किया गया है कि कैसे बुरी आदते आपका नाश कर देती है.
बुरी आदते ना सिर्फ आपकी आर्थिक बल्कि पारिवारिक कलह का भी कारण बनती है.
वह कौन सी बुरी आदते हैं, जो मनुष्य के विनाश का कारण बनती है.
नशा न सिर्फ आपके शरीर और आपके आर्थिक पतन का कारण बनता है बल्कि आपके पारिवारिक क्लेश का भी कारण होता है.
कुछ लोग थोड़ी सी भी परिस्थिति ऊपर निचे होने पर अपना संयन खो देते हैं. ऐसे लोग को अपने जीवन में बदलाव लाने की जरुरत है.
एक बड़ी अच्छी कहावत है. 'अहंकार तो रावण का नहीं चला तुम्हरा क्या चलेगा" अहंकारी लोग का भी नाश निश्चित होता है.
मोह मनुष्य को विनाश की ओर ले जाता है. मोह में व्यक्ति मर्यादा भूल जाता है.
काम वासना में लिप्त व्यक्ति अपने जीवन का नाश कर लेते हैं. ये अपने सारे सुख तक का त्याग करने पर अमादा रहते हैं.
मनुष्य को कभी भी किसी से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए दूसरे के प्रति ईर्ष्या का भाव हमेशा आपको जीवन में पीछे ले जाता है.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी पुष्टि नहीं करता है.