उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में बना ताजमहल विश्व धरोहर मकबरा है. इसे मुगल बादशाह अकबर ने बेगम मुमताज की याद में बनवाया था.
मुगल सम्राट शाहजहां के द्वारा अपनी बेगम की याद में बनवाया गया ताजमहल लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है.
शाहजहां ने 1632 में अपनी बेगम मुमताज महल की याद में मकबरे के रूप में ताजमहल को बनाने का काम शुरू किया.
मुमताज का मकबरा 17 हेक्टयर (करीब 42 एकड़) परिसर का केंद्र बिंदु है. क्या आप जानते हैं कि शाहजहां ने ताजमहल किसकी जमीन पर बनवाया था.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के मुताबिक ताजमहल की जमीन अजमरे( राजस्थान) में आमेर के कछवाहों की जमीन थी.
ताजमहल बनवाने के लिए उस समय उन्होंने कछवाहों से जमीन खरीदी थी.
इतना ही नहीं इसके बदले मुगल बादशाह ने कछवाहों को चार हवेलियां भी दी थीं. हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.
दरबारी इतिहासकार हामिल लाहौरी ने बादशाहनामा और अपने फरमानों में ताजमहल के लिए कछवाहों से जमीन खरीदने का जिक्र किया था.
जानकारी के मुताबिक उस दौर में ताजमहल बनाने में 3.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
ताजमहल का काम 1653 में लगभग 32 मिलियन रुपये में पूरा हो गया था. जिसकी आज की कीमत के हिसाब से लगभग 53 बिलियन रुपये है.
शाहजहां ने जब मुमताज को कब्र में दफनाया था, तो बादशाह शाहजहां ने इसका नाम ‘रऊजा-ए-मुनव्वरा’ रखा था. हालांकि कुछ समय बाद इसका नाम बदलकर ताजमहल कर दिया गया था.
मुगलकालीन पात्रों की यह कहानी मान्यताओं और इतिहासकारों की पुस्तकों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.