वो मर्दानी राजकुमारी, जिसने तीन-तीन मुगल बादशाहों के फरमान हवा में उड़ाकर पूरे किए शाही शौक

Jul 24, 2024

मुग़ल बादशाह बाबर की बेटी

गुलबदन भारत के पहले मुग़ल बादशाह बाबर की बेटी, उनके बेटे हुमायूं की सौतेली बहन और उनके पोते अकबर की बुआ थीं. उनकी बहादुरी के किस्से मशहूर थे.

गुलबदन का जन्म

गुलबदन का जन्म 1523 में काबुल में सम्राट बाबर की तीसरी सबसे बड़ी पत्नी दिलदार बेगम के यहाँ हुआ था. उनके जन्म के समय, पिता मीलों दूर हिंदुस्तान पर कब्ज़ा करने की योजना बना रहे थे.

6 साल में आईं भारत

जब वो काबुल से भारत आईं तो वो सिर्फ़ 6 साल की थीं. वो अपने भाई हुमायूं के निर्वासन की गवाह बनीं.

पहली महिला इतिहासकार

गुलबदन को मुगल साम्राज्य की पहली और एकमात्र महिला इतिहासकार माना जाता है. वह बहुत की सुंदर और साहसी थीं.

तीन पीढ़ियों के साथ

गुलबदन बाबर, हुमायूं और अकबर की शख़्सियत, उनके दरबार, हरम, कामयाबियों और मुश्किलों की झलक बाहरी दुनिया को दी है.

साहसी महिला

मुगलकालीन भारत में यह पहली बार था कि कोई महिला हज नामक पवित्र तीर्थयात्रा पर गई थी जिसे इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है.

ठुकराया प्रस्ताव

उनके हज पर जाने को लेकर मुगलों में सियासत हुई पर वो टस से मस नहीं हुई. यहां तक की उन्होंने मक्का में ऑटोमन का फरमान भी ठुकरा दिया.

गजब की याददाश्त

उनकी याददाश्त ग़ज़ब की थी. अकबर ने अपनी बुआ गुलबदन बानो से अनुरोध किया कि वो उनके पिता और दादा के बारे में कुछ लिखें.

‘अकबरनामा’ में जिक्र

जिसका इस्तेमाल अबुल फ़ज़ल उनकी जीवनी ‘अकबरनामा’ में कर सकें.गुलबदन ने ‘हुमायूंनामा’ में उन्होंने हुमायूं के जीवन के सभी पक्षों का जीवंत वर्णन किया.

डिस्क्लेमर

मुगलकालीन पात्रों की यह कहानी मान्यताओं और इतिहासकारों की पुस्तकों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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