25 मई 2024 से नौतपा की शुरु हो गई है. इस अवधि में शास्त्रों में बताए कुछ उपाय अगर कर लें तो रुके हुए काम बन सकते हैं और सूर्यदेव देव भी प्रसन्न हो सकते हैं.
माना जाता है कि नौतपा में अगर तांबे या पीतल के कलश में जल भरकर उसमें हल्दी, कुमकुम, अक्षत, मिश्री, लाल फूल मिला दें और इससे सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
इस तरह से सूर्यदेव को अर्घ्य देने से जातक की कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव बहुत कम होने लगता है. मान सम्मान बढ़ता है और रोग दोष दूर होने लगते हैं. धन-धान्य की प्राप्ति होने लगती है.
ज्योतिष अनुसार व्यक्ति नौतपा में नहाने के बाद हल्दी से तिलक लगाए तो उसे मानसिक शांति तो मिलती ही है, उसकी कुंडली में ग्रहों की चाल अनुकूल हो जाती है. काम बनने लगते हैं.
नौतपा में अगर शिवलिंग पर हल्दी का लेप लगाए तो लाभ होगा. रुके हुए काम पूरे होंगे और सफलता मिलती जाएगी. हल्दी का रंग शिव का प्रिय रंग है.
वैदिक पंचांग के मुताबिक सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है. सूर्यदेव को अर्घ्य देने का एकदम सटीक समय सूर्योदय का माना गया है.
पंचांग के मुताबिक सुबह 6 बजकर 15 मिनट से सुबह के 6 बजकर 45 मिनट तक अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त है. इस दैरान सूर्य देव को जल अर्घ्य दे सकते हैं.
ॐ आदित्याय नम: सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:। विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्। ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति।