सनातन धर्म में कुछ पेड़ पौधों की पूजा करने से मनवांछित फल मिलते हैं.
ऐसे ही एक चमत्कारी पेड़ की पूजा करने से बीमारियां दूर होती हैं, पितृदोष से मुक्ति मिलती है और शनि देव भी प्रसन्न होते हैं. जाने इस पेड़ के उपाय के और फायदे.
हमारे आस पास बहुत से पेड़ पौधों की पूजा की जाती है. तुलसी, पीपल, आम, केला ऐसे ही पेड़ों के नाम हैं. ऐसा ही एक पेड़ है नीम का पेड़.
नीम औषधीय गुणों से भरपूर होता है. वहीं इसका उपयोग आध्यात्मिक रूप में भी किया जाता है. त्वचा सम्बन्धी बीमारियों को दूर करने के लिए नाम का इस्तेमाल होता है.
नीम की पत्तियों का इस्तेमाल विशेष पूजा-पाठ में भी किया जाता है. इतना ही नहीं, नीम के पेड़ की लकड़ी का उपयोग कई तरह से भी किया जाता है. नीम का उपयोह ग्रहों की शांति के लिए भी किया जाता है.
नीम का उपयोग का दवाई के साथ साथ पूजा और हवन आदि में भी इसका विशेष महत्व है. यह शरीर की बीमारियों के साथ-साथ ग्रह में मौजूद कई दोषों को भी दूर करता है.
नीम की पूजा करने से राहु और शनि की दशा सुधरती है और जातक को विशेष फल प्राप्त होते हैं. नीम के पत्तों को पानी में डालकर नहाने से कुंडली में केतु ग्रह शांत होता है.
इसके साथ ही घर के आंगन में नीम का पेड़ लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
अगर घर में ऊपरी हवा का साया हो तो आंगन में नीम का पौधा लगाने से यह नकारत्मकता घर छोड़ कर चली जाएगी. इतना ही नहीं इसे घर के आंगन में लगाने से पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है.
यदि कुंडली में पितृ दोष है तो घर के दक्षिण या उत्तर-पश्चिम कोने में नीम का पेड़ लगाएं. इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी बना रहता है. पितृदोष के कारण संतान प्राप्ति या विवाह सम्बन्धी बाधा आ रही हो तो जल्दी ही यह उपाय कर लेना चाहिए.
शनि की महादशा में नीम की लकड़ी की माला बनाकर पहनने से लाभ होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे शनि की महादशी के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं.
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