मथुरा-वृंदावन में मौजूद निधिवन पवित्र, धार्मिक और रहस्यमयी स्थान है, यहां कुछ ऐसे रहस्य हैं जो इस जगह को खास बना देते हैं.
निधिवन की मान्यता है कि यहां आज भी हर रात को श्री राधे और कृष्णजी गोपियों संग रास रचाने आते हैं. इसिलिए शाम के समय से ही निधिवन में प्रवेश निषेध हो जाता है.
इसके बाद निधिवन में कोई नहीं रहता है. पक्षी भी शाम होते ही इस वन को छोड़कर चले जाते हैx.
निधिवन में पेड़ जोड़े में हैं, मान्यता है कि जब श्रीकृष्ण और राधा रास रचाते हैं तो यहां के ये पेड़ गोपियां बन जाते हैं और सुबह फिर से गोपियां पेड़ बन जाती हैं.
यहां लगे वृक्षों की शाखाएं अलग तरह की है, यानी ऊपर की ओर न बढ़कर नीचे की ओर बढ़ती हैं, जैसे इन पेड़ों को किसी ने डंडे के सहारे रोका हो.
निधिवन के अंदर ही है मंदिर 'रंग महल' है, मान्यता है की हर रात को यहीं पर श्रीराधा और कृष्णजी रास रचाने आते हैं. भक्त चंदन की पलंग को शाम में ही सजा देते हैं.
पलंग के बगल में एक लोटा में पानी, श्रृंगार का सामान व दातुन और पान रखा जाता है. सुबह यही बिस्तर अस्त-व्यस्त, लोटे खाली, दातुन कुची हुई पाई जाती है.
निधिवन के पास जो भी घर वन की ओर पड़ते हैं उनमें खिड़कियां नहीं बनी है और जिनमें हैं उन्हें ईंटों से बंद किया गया है.
लोग मानते हैं कि शाम के समय वन की ओर देखने की कोशिश करने वाला अंधा या पागल हो जाता है. वृंदावन के बुर्जुग इस निधिवन से जुड़ी कई रहस्यमयी कहानियां सुनाते हैं.
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