ट्रेन से आपने भी सफर किया होगा. वरीयता के हिसाब से पैसेंजर ट्रेन का नंबर सबसे नीचे आता है.
पैसेंजर ट्रेन को रोककर दूसरी ट्रेनों को क्रासिंग दे दी जाती है. इसीलिए पैसेंजर ट्रेन का सफर लंबा होता है.
लेकिन वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें बिना कहीं रुके सीधे धड़धड़ाती हुई गुजर जाती हैं.
दुर्घटना राहत चिकित्सा उपकरण ट्रेन, ट्रेन हादसों के दौरान दुर्घटना स्थल पर चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए चलाई जाती है.
वंदे भारत, राजधानी शताब्दी जैसी ट्रेनें भी इस ट्रेन को गुजारने के लिए रोक दी जाएंगी.
वहीं अगर राष्ट्रपति यात्रा की यात्रा के लिए चलने वाली ट्रेन को वरीयता दी जाती है.
हालांकि महामहिम अब ज्यादातर हवाई यात्रा ज्यादा करते हैं. इसलिए ऐसी ट्रेन का संचालन न के बराबर ही होता है.
आम दिनों में वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों को तवज्जो दी जाती है.