आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक भी थे. नीति शास्त्र में उनकी बताई हुई बातें सफलता के लिए कारगर मानी जाती हैं.
अगर कोई भी व्यक्ति इन बातों को अपने जीवन में अपना ले, तो वह सफतला के नए मुकाम हासिल कर सकता है.
चाणक्य ने श्लोक के जरिए इंसान की उन चीजों के बारे में बताया है जो समाज में उनको मजाक का पात्र बन सकती हैं. इसलिए भूलकर भी ऐसे काम नहीं करना चाहिए .
मनसा चिन्तितं कार्यं वाचा नैव प्रकाशयेत्। मंत्रेण रक्षयेद् गूढं कार्ये चाऽपि नियोजयेत्।।
कभी भी मन में आने वाले विचारों को किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए. उसे मन में रखना चाहिए. कई बार आप अपने विचार को लोगों के सामने रख देते हैं, लेकिन वो काम पूरे नहीं हो पाते, जिसकी वजह से मजाक का पात्र बनते हैं.
समाज में कुछ लोग हमेशा बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन वास्तव में वो किसी भी कार्य को पूरा नहीं कर पाते. थोड़े समय में वो लोगों के बीच महज मजाक का पात्र बनकर रह जाते हैं. इसलिए कभी भी किसी के सामने अपने मन की बातें नहीं रखें.
आचार्य चाणक्य के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति काम को बताने की जगह पूरा करने में यकीन करते हैं. वो कभी भी अपने मन की बातें किसी के साथ साझा नहीं करते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी काम को कहने की जगह करने पर यकीन रखना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने आपका अपमान किया है तो उस बात को कभी किसी से नहीं बताना चाहिए. ऐसा करने से भी आप समाज में मजाक का पात्र बनते हैं.
यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में कोई पुष्टि नहीं करता है.