कब से शुरू हो रहे हैं श्राद्ध? ये उपाय खत्म कर देगा पितृदोष
पितृपक्ष को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है. अपने पितरों को खुश करने के लिए लोग साल भर पितृपक्ष का इंतजार करते हैं.
इन सोलह दिनों तक लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं औऱ उनके नाम का दान करते हैं.
इस बार पितृपक्ष 29 सितंबर से शुरु हो रहा है. सनातन धर्म में कहा जाता है कि इन दिनों में जो अपने पितरों को तर्पण करता है उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पितृपक्ष को हिंदू धर्म में पुण्यकर पक्ष के रुप में जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इन 16 दिनों में सभी पितर यानि हमारे मृत पूर्वज धरती पर आते हैं और हमें उनको याद करना चाहिए.
इन दिनों पितरों के नाम पर किया गया दान काफी फलता है. तर्पण करने से न सिर्फ उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि पितृदोष से छुटकारा भी मिलता है.
इस बार श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर शुक्रवार से शुरु होंगे और 14 अक्टूबर शनिवार को समाप्त होंगे.
श्राद्ध पक्ष हमेशा सोलह दिनों के लिए ही आते हैं क्योंकि हमारी तिथियां भी पन्द्रह होती हैं. इन तिथियों में ही किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उनके श्राद्ध उसी तिथि पर किए जाते हैं.
14 अक्टूबर को अमावस्या के दिन श्राद्ध करने से नाराज पितृ भी मान जाते हैं. पितृदोष को खत्म करने के लिए इससे अच्छा दिन नहीं हो सकता. इस दिन अपने पितरों का श्राद्ध करें और पितृदोष से निजात पाएं.
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