55 हजार करोड़ रुपये का खर्च हुआ था 2019 के लोकसभा चुनाव में-सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की रिपोर्ट
1998 के मुकाबले 2019 में हुए चुनाव का खर्च छह गुना बढ़ा, 9 हजार करोड़ से 55 हजार करोड़ रुपये
पिछले लोकसभा चुनाव में 18 से 20 हजार करोड़ रुपया करीब धुआंधार चुनाव प्रचार खर्च में किया गया.
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 15 हजार करोड़ का कालाधन चुनाव में बांटा गया
40 से 50 करोड़ रुपये तक खर्च किए गए देश की कुछ लोकसभा सीटों पर
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2016 से ज्यादा खर्च हुआ पिछले लोकसभा चुनाव में-सेंटर फॉर रिस्पांसिव पॉलिटिक्स की रिपोर्ट
देश में 95 करोड़ मतदाता इस वक्त हैं. इसमें सबसे ज्यादा वोटर उत्तर प्रदेश में हैं.
भारत के अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में 1100 से 5500 करोड़ रुपये तक खर्च होते हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों में काला धन का बड़ा इस्तेमाल.
चुनाव आयोग ने करीब 11 हजार करोड़ रुपये बूथ प्रबंधन से लेकर अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर खर्च किया.
कांग्रेस, एआईएमआईएम, डीएमके जैसे दलों ने एक देश-एक चुनाव का विरोध किया है. इसे भारत के संविधान के संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ बताया.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसके लिए बनी कमेटी के अध्यक्ष हैं.
अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर वन नेशन वन इलेक्शन के तहत यूपी में भी एक साथ चुनाव होता है तो उन्हें खुशी होगी
उत्तर प्रदेश 20 करोड़ की अधिक की आबादी में 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं. चुनाव प्रचार पर सबसे ज्यादा खर्च राज्य में देखने को मिलता है.