नंदीग्राम का प्राचीन नाम भरतकुंड रहा है. यह अयोध्या के सोहावल तहसील में स्थित है.
नंदीग्राम अयोध्या शहर से 19 किमी दक्षिण में है. यहां भगवान राम के भाई भरत प्रभु के वनवास के दौरान रहा करते थे.
यहीं पर भरत जी ने राम जी की खड़ाऊं को प्रतीक के तौर लेकर अयोध्या का राजपाट चलाया.
पिता के पिंडदान के लिए नंदीग्राम में कुंड का निर्माण कराया गया था जिसे भरतकुंड के रूप में माना गया.
नंदीग्राम में कुटिया डालकर वे तपस्या करने लगे. उन्होंने जटाएं धारण की और मुनि वेष धारण कर नन्दीग्राम में निवास करने लगे.
यहीं पर भरत और हनुमान की मुलाकात हुई और एक दूसरे को गले लगाया था.
14 वर्ष वनवास खत्म कर जब राम अयोध्या वापस लौटे तो यहीं पर भरत से मिले थे.
यह स्थान न सिर्फ धार्मिक स्थल है, बल्कि त्रेता युगकालीन भगवान राम के अनुज महाराज भरत की तपोभूमि भी है.
यह जगह अयोध्या-सुल्तानपुर NH 330 के बहुत करीब है. यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन भरतकुंड रेलवे स्टेशन है.