आजकल युवाओं में लव मैरिज पर ज्यादा विश्वास रहता है. ऐसे में अक्सर सभी के दिमाग में सवाल उठता है कि लव मैरिज करना सही है या नहीं?
प्रेमानंद महाराज ने प्रवचन के दौरान लव मैरिज करने वालों को कुछ सलाह दिए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं उन्होंने अपने उपदेशों के जरिए युवाओं को क्या कहा?
प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि लव मैरिज में माता-पिता भी साथ दें, लेकिन बच्चे आगे भविष्य की गलतियों के लिए माता-पिता को दोष न दें.
प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, लव मैरिज गलत नहीं है, लेकिन अगर आपने एक साथी चुन लिया है, तो तीसरे की तलाश में न जाएं.
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि अगर दो लोग साथ रहते हैं, तो शारीरिक संबंध भी रहता है और फिर ब्रेकअप हो जाता है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, आजकल जो प्यार होता है वो सब दिखावटी होता है और नौटंकी होती है. लोग वासना पूरी करते हैं और फिर अलग हो जाते हैं.
महाराज कहते हैं शरीर को तुमने समझ क्या रखा है? दोना-पत्तल समझा है क्या? जीवन चरित्र होता है, प्रेम और संबंध एक ही बार होता है. अब पूरा जीवन उनके साथ व्यतीत करो.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं हमें कोई परेशानी नहीं है. अगर दोनों ने शरीर का व्यय किया है, तो किसी तीसरे का चुनाव मत करो. अगर इतना होने के बाद भी दोनों लोग अलग हो रहे हैं, तो ये कैसा लव मैरिज है?
लव मैरिज करने वाले युवाओं के माता-पिता को भी प्रेमानंद महाराज ने सलाह दी है कि माता-पिता उनका साथ दें. उनके पक्ष को सुने और पहले दोनों पक्षों की बातों को समझने की कोशिश करें.
माता-पिता अपने बच्चों पर भरोसा करें, क्योंकि इससे उन्हें यह भी पता चलेगा कि वे सुरक्षित तो हैं? कहीं बचपने में कोई गलती तो नहीं कर रहे हैं? यदि वे गलत हैं, तो उन्हें समझाएं. उनकी परेशानियों का हल करें.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि आजकल प्यार को लेकर कोई धर्म और शास्त्र नहीं रह गया है, लिव इन या फिर बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड का रिश्ता धर्म का नहीं है. इसलिए, माता-पिता सिर्फ यह चाहते हैं कि बच्चे सुखी रहें.
प्रेमानंद महाराज की मानें तो माता-पिता सभी सुविधाएं कर देंगे विवाह की, लेकिन आगे के परिणाम जो होंगे, वे आपके खुद के होंगे. क्योंकि आप माता-पिता की आज्ञा का पालन नहीं कर रहे हैं.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.