उत्तराखंड, जिसे भारत का 'देवभूमि' भी कहा जाता है, ये प्रकृति की असीम सुंदरता से भरपूर है. इसकी घाटियां न केवल आंखों को सुकून देती हैं, बल्कि आत्मा को भी शांति प्रदान करती हैं.
यहां नैनिताल समेत कई खूबसूरत हिल स्टेशन हैं. चार धाम यात्रा के लिए भी ये मशहूर है. ऐसे में उत्तराखंड की खूबसूरती को निहारने के लिए लाखों की संख्या पर पर्यटक आते हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि उत्तराखंड का सबसे अमीर जिला कौन-सा है. क्या आप इस सवाल का जवाब जानते हैं. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे.
जब बात हो रही है उत्तराखंड की तो हमने इसे पर-कैपिटा इनकम के आधार पर तौला है. इसके लिए हमने 2021-22 का पर-कैपिटा इनकम को आधार बनाया है.
देहरादून उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी है. ये शहर अंग्रेजों के समय का बसा है. इसलिए लगता होगा कि देहरादून सबसे अमीर होगा, लेकिन ऐसा नहीं है.
2 लाख, 35 हजार, 707 रुपये पर-कैपिटा इनकम के साथ देहरादून का नंबर तीसरा है. नैनीताल उत्तराखंड की न्यायिक राजधानी है. यहीं पर हाईकोर्ट है और ये टूरिज्म के लिए फेमस है.
नैनीताल में कुमाऊं क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर हल्द्वानी भी है, लेकिन नैनीताल जिला सबसे अमीर नहीं, ये इस मामले में चौथे नंबर पर है. इसमें पर-कैपिटा इनकम 1 लाख, 90 हजार, 627 रुपये है.
उत्तराखंड का सबसे अमीर जिला हरिद्वार है. हरिद्वार धार्मिक पर्यटन के लिहाज से ही मशहूर नहीं है, बल्कि औद्योगिक जिला भी है. यहां की पर-कैपिटा इनकम 3 लाख, 62 हजार, 688 रुपये है.
उत्तराखंड का सबसे अमीर जिला हरिद्वार गढ़वाल में है, तो दूसरा सबसे अमीर जिला कुमाऊं क्षेत्र में उधमसिंह नगर है. यहां कि पर-कैपिटा इनकम 2 लाख, 69 हजार, 70 रुपये है.
चमोली जिले में बदरीनाथ समेत धार्मिक पर्यटन से जुड़े कई स्थल हैं. इस जिले की पर-कैपिटा इनकम 1 लाख, 27 हजार, 330 रुपये है और ये राज्य का पांचवां सबसे अमीर जिला है.
चंपावत अपनी 1 लाख, 16 हजार 136 रुपये की पर-कैपिटा इनकम के साथ छठे नंबर है. जबकि 1 लाख, 8 हजार, 640 रुपये पर-कैपिटा इनकम के साथ पौड़ी सातवें नंबर पर है.
8वें नंबर पर मौजूद उत्तरकाशी की पर-कैपिटा इनकम 1 लाख, 7 हजार, 281 रुपये है. टिहरी 1 लाख 3 हजार, 345 रुपये के साथ 9वें नंबर और अल्मोड़ा 1 लाख, 844 रुपये के साथ 10वें नंबर पर है.