अयोध्या-काशी और मथुरा में कब है दिवाली, विद्वानों-धर्माचार्यों ने दूर किया तारीख का भ्रम

Pradeep Kumar Raghav
Oct 28, 2024

दिवाली का असमंजस खत्म

मथुरा में बांके बिहारी मंदिर, राधारमण मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर और रंगजी मंदिर में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी. राधा वल्लभ मंदिर और नंदगांव के नंद भवन में एक नवंबर को त्योहार मनाया जाएगा.

अयोध्या में दिवाली कब

अयोध्या राम मंदिर समेत मुख्य धार्मिक स्थलों पर भी दिवाली 31 अक्तूबर ही मनाई जाएगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य अनिल मिश्रा ने भी कहा है कि दिवाली 31 अक्तूबर को मनाने का फैसला राम मंदिर में हुआ है. अयोध्या दीपोत्सव के साथ हनुमान जयंती भी 30 अक्टूबर को है.

एक मंच पर आए काशी के विद्वान

काशी के पंचाग और ज्योतिष के विद्वान 31 अक्तूबर को दिवाली को लेकर एकमत हैं. विश्व पंचाग के समन्वयक ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दिवाली पूजन प्रदोष काल में होना जरूरी माना गया है.

2 घंटे 24 मिनट का प्रदोष काल

इस वर्ष प्रदोष काल 2 घंटे 24 मिनट का है और निशीथ (अर्थरात्रि) में अमावस्या 31 अक्टूबर को पड़ रही है.

एक नवंबर को पूर्ण अमावस्या नहीं

दिवाली का पूजन अमावस की रात हो होता है, देश के किसी भी हिस्से में एक नवंबर को पूर्ण प्रदोष काल में अमावस्या नहीं है.

पंचांगों में भी कोई भेद नहीं

काशी के विद्धानों ने यह भी बताया कि 2024 में पारंपरिक गणित से निर्मित पंचांगों में कोई भेद नहीं है.

अमावस्या 31 अक्टूबर को

सभी पंचांगों के अनुसार अमावस्या का आरंभ 31 अक्टूबर को सूर्यास्त से पहले होकर एक नवंबर को सूर्यास्त के पहले ही समाप्त हो रहा है.

31 अक्टूबर को ही मनेगी दिवाली

क्योंकि अमावस्या 31 की रात को है इसलिए दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को ही मनाया जाना चाहिए.

Disclaimer

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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