2014 में खेल करियर शुरू करने वाली सहारनपुर की झबीरन गांव की प्राची चौधरी 10 साल बाद ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही हैं.
उनके पिता जयवीर सिंह ने अपनी बेटी के खेल के जुनून को देखते हुए लोगों से पैसे उधार लेकर उन्हें जूते दिलाए थे.
पिता के इसी भरोसे पर खड़ी उतर कर प्राची ने पेरिस ओलिंपिक में भाग लिया है.
इस बार प्राची 4x400 मीटर रिले रेस में हिस्सा लेंगी. एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप 2019 और 19वें एशियन गेम्स 2023 में रिले रेस सिल्वर मेडलिस्ट लाई थी.
एमआर पूवम्मा, विथ्या रामराजज्योतिका श्री दांडी, सुभा वेंकटेश, किरन पहल और प्राची रिले रेस में एक ही टीम में हैं.
उनके पिता किसान हैं वहीं उनकी मां राजेश देवी गृहणी है. उनके माता-पिता के साथ कोच डा. अशोक गुप्ता को भी उनसे उनसे बहुत उम्मीद है.
इस बार 4x400 मीटर रिले रेस में 16 टीमें हैं. दो सेमीफाइनल 8-8 टीमों के बीच होंगे. सेमीफाइनल में पहली तीन टीमें चुनी जाएंगी.
9 अगस्त को सेमीफाइनल में बेहतर प्रदर्शन के साथ टॉप 8 में जगह बनाने पर ही 10 अगस्त को फाइनल में एथलीट पूरा जोर लगाएंगी.
9 अगस्त को होने वाली रिले रेस दोपहर 2:10 से शुरू होगी. वहीं 10 अगस्त वाली रेस रात 12:40 पर होगी.
अगर हम प्राची के ओलंपिक मेडल जीतने की बात करें तो उन्हें अमेरिका में गोल्ड, पोलैंड में सिल्वर और जमैका में ब्रोंज मिला है.