भगवान शिव का प्रिय माह सावन 4 जुलाई से शुरू हो रहा है.
इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने और सोमवार व्रत रखने का विशेष महत्व है.
भगवान शिव को बेलपत्र, धतूर, फूल-फल समेत कई चीजें अर्पित की जाती हैं.
कुछ ऐसी भी चीजे हैं, जिनको भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना जाता है.
भगवान शिव पर सिंदूर भूलकर भी अर्पित ना करें. दरअसल, भोलेनाथ वैरागी हैं इसलिए उन्हें सिंदूर नहीं चढ़ाया जाता. उन्हें चंदन का तिलक लगाना शुभ माना जाता है.
शास्त्रों के मुताबिक, नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. मां लक्ष्मी का संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए भगवान शिव को नारियल अर्पित करना वर्जित माना गया है.
मान्यता है कि शंखचूड़ नाम का असुर भगवान विष्णु का भक्त था, जिसका भोलेनाथ ने संहार किया था. शंख को शंखचूड़ का प्रतीक माना जाता है इसलिए भोलेनाथ की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भोलेनाथ ने केतकी फूल को श्राप दिया था. यही वजह है कि उनकी पूजा में इस फूल को वर्जित माना गया है.
शिवलिंग पर तुलसी दल अर्पित करना वर्जित है. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र या शमीपत्र चढ़ाएं.