शारदीय नवरात्रि 2023 चल रहे हैं. इन दिनों जो व्रत के नियमों का पालन करता है, उन पर मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहता है.
नवरात्रि के पावन दिनों में हम आपको मां के ऐसे शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है. इस पीठ का नाम है नैना देवी मंदिर..यह 51 शक्ति पीठों में से एक है.
शक्तिपीठ श्रीनयना देवी हिमाचल नहीं देश-विदेश के लोगों की आस्था का केंद्र है. आइए जानते हैं इस रहस्यमयी मंदिर के बारे में.
नैनादेवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां देवी सती के नेत्र गिरे थे. यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है. मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं.
नैना देवी का ये मंदिर शक्तिपीठ में शामिल है और इसी कारण यहां देवी के चमत्कार देखने को मिलते हैं. नैना देवी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मां उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
पौराणिक काल से ही इस शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं की अटूट श्रद्धा है. मां भक्तों की सभी मन्नतें पूरी करती हैं. मान्यता है कि यहां देवी के दर्शन मात्र से आंखों से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं.
ऐसा कहा जाता है कि एक बार मां सती के पिता प्रजापति दक्ष ने बड़ा यज्ञ कराया था. उस यज्ञ में उन्होंने माता सती और उनके पति भगवान शिव को न्योता नहीं दिया. फिर भी सती हठकर बिना बुलाए ही जा पहुंचीं.
जहां पर राजा दक्ष ने उनके सामने भोलेनाथ को खूब अपमान किया. पति के लिए ऐसे वचन सती सह ना सकी और उन्होंने हवन कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिया.
जब भगवान शिव ने गुस्से में रौद्र रूप धारण कर खूब तांडव किया. शिव जी ऐसा रूप देख देवतागणों ने भगवान विष्णु से शिव को शांत कराने की प्रार्थना की. तब विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता शरीर के 51 टुकड़े किए और जहां ये टुकड़े गिरे वो शक्तिपीठ कहलाए.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee upuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.