मां दुर्गा की उपासना के लिए पूरे नौ दिनों तक का व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि में मां की अराधना करने वालों पर कभी संकट नहीं आता.
पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर शनिवार को रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू हो रही है. यह तिथि 15 अक्टूबर रविवार को देर रात 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि को देखते हुए शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर रविवार से शुरू होगी.
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित किया जाता है. कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है.
शारदीय नवरात्रि में कुछ लोग आठ दिन का व्रत रखते हैं तो कुछ लोग 9 दिनों का व्रत रखते हैं.
इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी 22 अक्टूबर को पड़ रही है. इसी दिन महागौरी की पूजा करके कन्या पूजन और हवन कर सकते हैं. नवमी 23 अक्टूबर दिन सोमवार को होगी.
वहीं, विजयादशमी 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. इसी दिन नवरात्रि का पारण के साथ समापन हो जाएगा.
24 अक्टूबर को ही दशहरा भी मनाया जाएगा. देशभर में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा.
बता दें कि 4 नवरात्रि में चैत्र और शारदीय नवरात्रि को सब जानते हैं. वहीं दो गुप्त नवरात्रि भी होती है. इसमें शारदीय नवरात्रि सबसे बड़ी नवरात्रि मानी जाती है.
इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. इसका मतलब है कि देश में सुख और शांति बनी रहेगी.