पितृपक्ष शुरू हो चुके हैं और ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में कोई भी नई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए. पितृपक्ष के ये 16 दिन शांत मन से स्मरण करने का समय होता है.
कई बार ऐसा होता है कि पितृपक्ष के बावजूद भी कुछ चीजों की खरीदारी करनी पड़ जाती है. हम आपको इन दिनों के उन शुभ मुहूर्तों के बारे में बता रहे हैं जिसमें आप नई वस्तुएं खरीद सकते हैं. हमारे पुरखे नाराज नहीं होंगे और सदैव सुखी और संपन्न रहने का आशीर्वाद देंगे.
8 अक्टूबर को रविपुष्य योग बन रहा है. पुष्य योग जब रविवार को बनता है तो इसे रविपुष्य योग कहते हैं. ज्योतिष में रविपुष्य योग को शुभ माना जाता है. इस दिन कोई भी वस्तु खरीदकर ला सकते हैं.
रविपुष्य योग में सोने-चांदी के आभूषण खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. अगर पितृपक्ष के दौरान आपको सोने-चांदी की खरीद करनी है तो 8 अक्टूबर को बिना किसी रोकटोक के कर सकते हैं.
श्रार्द्ध के दिनों में 1,3,4 और 8 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग जैसा शुभ योग बन रहा है. अगर आप कोई नई वस्तु खरीदना चाहते हैं या फिर कोई भी नया काम आरंभ करना चाहते हैं तो इन 4 दिनों में कर सकते हैं.
सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से होता है. इस दिन जो भी कार्य किया जाता है उसके पूर्ण सिद्धि प्राप्त होता है. ये कार्य भी सफल होता है.
पितृपक्ष की 16 दिन की अवधि में 4 अक्टूबर को रवि योग जैसा शुभ संयोग बना है. भगवान सूर्य की कृपा से इस शुभ योग में जो भी कार्य किया जाता है उससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
इसलिए रवि योग में आप पितृपक्ष के बावजूद भी दिल खोलकर खरीदारी कर सकते हैं. इस शुभ समय में खरीदी गई वस्तुओं में अक्षय वृद्धि होती है. इसके साथ आपको सूर्य देवता के साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
पितृपक्ष में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है और यह तिथि धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ मानी जाती है. आप जो भी वस्तु पितृपक्ष के दौरान खरीदना चाहते हैं उसे 10 अक्टूबर इंदिरा एकादशी के दिन खरीद सकते हैं.
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