श्रीकृष्ण की वो पत्नी जिसे सीता से ज्यादा सुंदर होने का घमंड भगवान ने किया चूर

Pooja Singh
May 29, 2024

सत्यभामा का घमंड

पौराणिक कथाओं में श्रीकृष्ण की 8 पत्नियों का जिक्र है, इनमें से एक थीं सत्यभामा. सत्यभामा को एक बार अपनी सुंदरता पर घमंड हो गया.

श्रीकृष्ण से सवाल

एक बार श्रीकृष्ण द्वारका में सिंहासन पर बैठे थे. तभी सत्यभामा आईं और कहा कि आपने त्रेतायुग में श्रीराम का अवतार लिया था. उस समय आपकी पत्नी सीता थीं. क्या वो मुझसे भी सुंदर थीं?

श्रीकृष्ण की चुप्पी

श्रीकृष्ण समझ गए कि सत्यभामा को अपनी सुंदरता पर घमंड हो गया है. उन्होंने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया. वहां पर गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी मौजूद थे.

गरुड़ को अभिमान

तभी गरुड़ ने भी अभिमान के स्वर में कहा कि प्रभु इस संसार में मुझसे ज्यादा गतिमान कोई है क्या?

सुदर्शन भी पीछे नहीं

सुदर्शन चक्र ने भी अपने अंदर के अभिमानी रूप को जगाया और कृष्ण से कह दिया कि इस संसार में मुझसे ज्यादा ताकतवर कोई है क्या?

सबक सिखाने की युक्ति

श्रीकृष्ण को समझ आ गया कि इन तीनों को अभिमान हो गया है. इन्हें सबक सिखाने के लिए कुछ करना पड़ेगा. तभी श्रीकृष्ण को एक युक्ति सुझी.

हनुमान जी को बुलाया

श्रीकृष्ण ने गरुड़ से कहा कि तुम श्रीराम के परम भक्त हनुमान के पास जाओ और कहना कि प्रभु श्रीराम और मां सीता यहां उनका इंतजार कर रहे हैं.

सीता की तरह तैयार

श्रीकृष्ण की आज्ञा पाते ही फौरन गरुड़ हनुमान को लेने चले गए. तभी कृष्ण ने अपनी रानी सत्यभामा से कहा कि वो सीता की तरह तैयार हो जाएं. इसके बाद कृष्ण ने राम का रूप धारण कर लिया.

सुदर्शन को बनाया द्वारपाल

सत्यभामा और कृष्ण, सीता और राम बनकर दरबार में बैठ गए. उन्होंने सुदर्शन चक्र से कहा कि तुम द्वारपाल बनकर खड़े हो जाओ और किसी को अंदर मत आने देना.

हनुमान जी से मिले गरुड़

उधर, गरुड़ हनुमान जी के पास पहुंचे और कहा कि द्वारिका में प्रभु श्रीराम और मां सीता उनका इंतजार कर रहे हैं. आपको बुलावा भेजा है. आप मेरी पीठ पर बैठ जाइए, मैं आपको ले चलूंगा.

हनुमान जी को छोड़ उड़े

हनुमान जी ने गरुड़ से चलने के लिए कहा और बोला कि वो खुद वहां पहुंच जाएंगे. गरुड़ को लगा कि एक वानर मुझसे तेज कैसे चल पाएगा. इसलिए वो हनुमान जी को वहीं छोड़कर उड़ गए.

टूटा गरुड़ का घमंड

जैसे ही गरुड़ द्वारिका नगरी पहुंचे, तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गए. हनुमान पहले ही दरबार में पहुंच चुके थे. गरुड़ को अपनी गति पर जो अभिमान था वो चकनाचूर हो गया.

सुदर्शन का भी अभिमान टूटा

जब राम का रूप धारण किए हुए श्रीकृष्ण ने हनुमान से पूछा कि द्वार पर तुम्हें किसी ने रोका नहीं, तो वे बोले कि सुदर्शन चक्र ने मुझे रोका था, लेकिन मैंने उसे अपने मुंह में ले लिया और अंदर आ गया.

सत्यभामा का उतरा मुंह

तब हनुमान की नजर सीता के रूप में बैठी सत्यभामा पर पड़ी. फिर उन्होंने पूछा कि प्रभु सबकुछ तो ठीक है, लेकिन आपके साथ ये दासी कौन है. ये बात सुनकर सत्यभामा का मुंह भी उतर गया.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारियां लोक कथाओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.

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