सिंघाड़े का सेवन रक्त संबंधी समस्याओं को भी ठीक करता है. साथ ही मूत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए सिंघाड़े का प्रयोग बहुत फायदेमंद है. यह दस्त होने पर भी फायदा करता है.
प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं. इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है. इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स की समस्या खत्म होती है.
सिंघाड़े की खास बात ये है कि इसमें तमाम तरह के न्यूट्रीएंट्स होते हैं लेकिन ये कैलोरी बहुत ही कम होती हैं. 100 ग्राम सिंघाड़े में मात्र 97 कैलोरी होती हैं और ये फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीज, पोटेशियम, कॉपर, विटामिन बी 6 का अच्छा स्त्रोत होते हैं.
सिंघाड़ा खाने से शरीर को एंटीऑक्सिडेंट्स मिलते हैं. ये वो मॉलिक्यूल होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रैडिकल्स से बॉडी की रक्षा करते हैं.
सिंघाड़े से दिल से जुड़ी बीमारी में भी फायदा मिलता है. इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और कोलेस्ट्रोल लेवल भी कम होता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है. इसमें मौजूद पोटेशियम हमारे दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है.
इससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है. सिंघाड़े में 74 प्रतिशत पानी होता है जिससे भूख भी शांत होती है और कैलोरी भी नहीं बढ़ती.
सिंघाड़े का स्वाद इतना अच्छा होता है कि इसे छीलकर कच्चा ही खाया जा सकता है. इसे उबालकर ऊपर से कुछ मसाले डालकर जैसे नमक, चाट मसाला, नींबू और काली मिर्च डालकर भी खा सकते हैं.
सिंघाड़े को फ्राई करके भी खा सकते हैं. इसके लिए सिंघाड़ा उबालकर उसे छील ले. जरा से तेल में हींग, जीरा, अदरक के साथ फ्राइ करें और धनिया, मिर्चा से गार्निशिंग करें.
सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल कई रूपों में किया जा सकता है. खासकर नवरात्र में इसके आटे से मीठा हलवा बनाया जाता है.