जिंदगी में कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं. थोड़ी परेशानी जरूर आती है, लेकिन अगर परिवार का साथ मिल जाए तो वक्त कैसा भी हो, गुजर ही जाता है.
मुश्किल वक्त में एक दूसरे का साथ निभाने का जिम्मा परिवार बखूबी उठाता है. जिसमें सबसे अहम भूमिका मुखिया की होती है. आचार्य चाणक्य ने कुछ खुबियां बताई हैं.
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, घर की तरक्की मुखिया पर निर्भर करती है. जिस तरह मकान की मजबूती नींव से आती है उसी तरह घर की बरकत मुखिया से आती है.
अगर मुखिया में ये खूबियां नहीं हैं तो घर में बरकत और खुशियां नहीं आएंगी. आइए बताते हैं आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गईं वो खुबियां जो घर के मुखिया में होनी चाहिए.
घर के मुखिया में निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए. घर की भलाई के लिए फैसला लेते समय ध्यान रखना चाहिए कि इससे परिवार के किसी भी सदस्य को नुकसान न पहुंचें.
चाणक्य नीति के मुताबिक, घर के मुखिया को हर किसी की बात पर भरोसा नहीं करना चाहिए. आंखों देखी बातों पर यकीन करने के साथ सिचुएशन को समझना चाहिए.
चाणक्य नीति के मुताबिक, घर में किसी भी लड़ाई को सुलझाते समय दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला लें. ताकि सभी रिश्तों में मजबूती लाई जा सके. सभी की भावनाओं का सम्मान हो.
घर का मुखिया एक ऐसा सदस्य होता है, जो सभी की परेशानियों का हल करता है. इसलिए भेदभाव की बिल्कुल भी गुंजाइश नहीं होनी चाहिए. सभी के लिए समान नियम होना चाहिए.
आचार्य के मुताबिक, घर का मुखिया तेज तर्रार होना चाहिए. परिवार की जरूरतों का ध्यान रखते हुए पैसों को खर्च करना उसे बखूबी आता हो. साथ ही फिजूलखर्च पर भी रोक लगानी चाहिए.
जिदंगी में अनुशासन हो तो सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए घर के मुखिया को हमेशा परिवार को डिसिप्लिन और कमिटमेंट की अहमियत पर फोकस करना सिखाना चाहिए.
यहां दी गई जानकारियां चाणक्य नीति और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.