कुछ लोग खाना बनाते समय कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे अनेक बीमारियों को दावत मिलती है.
ये गलती खाने को जहरीला करती है और कैंसर, शुगर जैसी बीमारियों को दस्तक देती है.
आजकल लोग नॉन-स्टिक बर्तनों को अपने किचन का हिस्सा बना रहे हैं. इनके फायदे कम नुकसान ज्यादा है.
नॉनस्टिक बर्तनों में तेल तो कम लगता ही है, इनकी साफ-सफाई भी आसानी से हो जाती है.
नॉन-स्टिक पैन में पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (पीटीएफई) की कोटिंग होती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है.
नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने से शरीर में आयरन की कमी होने के कारण हड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं.
नॉन स्टिक बर्तनों में PFO मौजूद होता है. इससे थायरॉइड होने की संभावना बढ़ जाती है.
रिपोर्ट कहती हैं इन बर्तनों में खरोच आने पर हाई ट्राईग्लिसराइड बढ़ जाता है और दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ता है.
नॉन बर्तनों का टेफ्लॉन पेट में जाने से प्रजनन क्षमता कम हो सकती है .
इन बर्तनों की पॉलिश पेट में जाकर कॉग्निटिव डिसॉर्डर यानी दिमाग से जुड़ी समस्या पैदा कर सकता है.
दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई, हम इसकी पुष्टि नहीं करते.