अंधेरें चारों तरफ़ साये-साये करने लगे, चारा हाथ उठाकर दुआएं करने लगे. सलीका जिनको सिखाया था हमने चलने का, वो लोग आज हमें दाये-बाये करने लगे
ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था. मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था. मेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना. मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था
हमारे मुंह से जो निकले वही सदाक़त है. हमारे मुंह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है. सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है.