उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित यह प्रदेश के प्राचीनतम शहरों में से एक है.
गंगा के तट पर बसे कानपुर से बिठुर की दूरी मात्र 28 किलोमीटर है. इस शहर की ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यता दोनों ही बहुत है.
कहा जाता है कि इसी स्थल पर भगवान ब्रह्मा ने पूरी सृष्टि की रचना की थी. इसलिए इस जगह को दुनिया का केंद्र माना जाता है.
प्रभु श्रीराम के माता सीता का त्याग करने के बाद इसी नगरी में माता सीता ने अपना शेष जीवन बिताया था.
माता सीता ने प्रभु श्री राम के त्याग के बाद महर्षि वाल्मिकी ने मां सीता को अपने आश्रम में रहने के लिए जगह दी थी. महर्षि वाल्मिकी ने ही रामायण लिखी थी.
महर्षि वाल्मिकी के ही आश्रम में ही मां सीता ने अपने पुत्र लव-कुश को जन्म दिया था. महर्षि वाल्मिकी ने ही दोनों पुत्र लव और कुश को शिक्षा प्रदान की थी.
बिठूर में ध्रुव टीला नाम से एक टीला भी है. मान्यताओं के अनुसार इसी जगह ही ध्रुव ने भगवान विष्णु की तपस्या की थी. जिसके बाद भगवान ने ध्रुव तारा बनाया था.
बिठूर में कैलाश पर्वत की प्रतिकृति भी है. माना जाता है यहां भगवान शिव और माता पार्वती निवास करते हैं.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.