जब हनुमान जी से शर्त हार गए अर्जुन, चिता में जलकर त्यागने वाले थे प्राण

Pradeep Kumar Raghav
May 31, 2024

अर्जुन का वन विहार

एक दिन भगवान श्रीकृष्ण को छोड़कर अर्जुन अकेले वन में विहार करने गए.

धनुषकोटि पहुंचे अर्जुन

घूमते-घूमते अर्जुन दक्षिण दिशा की ओर चले गए और दोपहर को धनुषकोटि में पहुंचकर स्नान करने की तैयारी करने लगे.

अर्जुन का प्रश्न

अर्जुन ने हनुमान जी से पूछा कि वे कौन हैं उनका नाम क्या है, और वो यहां क्या कर रहे हैं.

हनुमान जी का परिचय

हनुमान जी ने बताया कि वे वही हनुमान हैं जिन्होंने राम के प्रताप से समुद्र पर सौ योजन विस्तृत सेतु पार कर दिया था.

अर्जुन का उपहास

अर्जुन ने उपहास करते हुए कहा कि राम तो पराक्रमी थे वे अपने बाणों से भी तो समुद्र पर पुल बना सकते थे.

हनुमान जी का उत्तर

हनुमान जी ने समझाया कि बड़े वानरों के भार से बाणों का सेतु डूब जाता, इसलिए उन्होंने ऐसा नहीं किया.

अर्जुन की शर्त

अर्जुन ने कहा कि वे बाणों का पुल बनाकर दिखाएंगे जो हनुमानजी के भार से नहीं टूटेगा और टूट गया तो वो खुद को अग्नि में भष्म कर लेंगे.

अर्जुन शर्त हार गए

हनुमान जी ने अपना आकार बड़ा किया और जैसे ही अपना पैर बाणों के पुल पर रखा पुल टूट गया, अर्जुन शर्त हार गए.

हनुमान जी दुखी हुए

शर्त हारकर अर्जुन अपने वचन अनुसार चिता पर चढ़ने लगे जिसे देखकर हनुमान जी ने दुखी होकर अपने ईष्ट को याद किया.

प्रकट हुए श्रीकृष्ण

इससे पहले कि अर्जुन अपने आपको चिता में जलाकर भष्म करते श्रीकृष्ण वहां आ गए और उन्होंने समझाबुझाकर अर्जुन रोक लिया.

श्रीकृष्ण ही भगवान राम

हनुमान जी भी समझ गए कि ईष्ट को याद करने पर आए श्रीकृष्ण कोई और नहीं स्वयं भगवान श्रीराम का ही रूप हैं.

DISCLAIMER

पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का ZEE UP/UK हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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