सिर पर सवा लाख रुद्राक्षों का 'मुकुट', महाकुंभ में 12 साल का संकल्प पूरा करेगा आवाहन अखाड़े का ये साधु

Amitesh Pandey
Jan 03, 2025

Mahakumbh 2025

प्रयागराज महाकुंभ में साधु-संतों का आगमन शुरू हो गया है. 13 जनवरी को महाकुंभ शुरू होने से पहले संगम किनारे संतों को डेरा जमाने लगे हैं. अधिकांश साधु-संत श्रद्धालुओं को अपनी ओर खास तरीके से प्रभावित करते हैं. इन्‍हीं में से एक हैं गीतानंद गिरि जी महाराज.

रुद्राक्ष वाले बाबा जी

गीतानंद गिरि जी महाराज अपने सिर पर 12 घंटे करीब 45 किलो वजन का रुद्राक्ष धारण किए रहते हैं.

काफी लोकप्रिय

गीतानंद गिरि जी महाराज की श्रद्धालुओं में काफी लोकप्रियता है. तो आइये जानते हैं गीतानंद गिरि जी महाराज के बारे में.

कौन हैं गीतानंद गिरि जी महाराज

दरअसल, गीतानंद गिर‍ि जी महाराज आवाहन अखाड़ा हरियाणा शाखा के सचिव हैं.

2019 का कुंभ

गीतानंद गिरि जी महाराज बताते हैं कि वह साल 2019 में प्रयागराज में कुंभ के समय आए थे.

2019 के कुंभ में लिया था संकल्‍प

2019 के कुंभ में गीतानंद गिरि जी महाराज ने संकल्‍प लिया कि वह 12 साल तक प्रतिदिन सवा लाख रुद्राक्ष धारण करेंगे.

6 साल और बाकी

तभी से वह इस संकल्‍प को पूरा करते आ रहे हैं. गीतानंद गिरि जी महाराज ने बताया कि उनके संकल्प को 6 साल हो गए हैं.

रुद्राक्ष की संख्‍या

गीतानंद गिरि जी महाराज बताते हैं कि रुद्राक्ष की संख्या आज सवा दो लाख के ऊपर पहुंच चुकी है.

कितना वजन

इन रुद्राक्ष का वजन 45 किलोग्राम से अधिक है. अभी उनके संकल्प में छह साल और बाकी हैं.

कितने देर धारण करते हैं

गीतानंद महाराज ने बताया कि वह 24 घंटे में करीब 12 घंटे रुद्राक्ष धारण करते हैं.

शाम पांच बजे तक

उन्‍होंने बताया कि सुबह पांच बचे रुद्राक्ष धारण करने के बाद उसे शाम पांच बजे उतार देते हैं.

ध्‍यान लगाते हैं

जब तक रुद्राक्ष शरीर पर रहता है तब तक वो बेहद हल्का भोजन ग्रहण करते हैं. उस समय ध्‍यान करते हैं.

ब्राह्मण परिवार से संबंध

गीतानंद गिरि जी महाराज ने बताया कि वह ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता रेलवे में टीईटी थे.

गुरुजी के आशीर्वाद से संतान प्राप्‍ति

गीतानंद महाराज के मुताबिक उनके माता-पिता के कोई संतान नहीं हो रही थी. बाद में गुरुजी महाराज के आशीर्वाद से उन्हें संतान हुई.

माता-पिता ने गुरु को सौंप दिया

इसके बाद उन्होंने अपनी संतान को गुरुजी को समर्पित कर दिया(. गीतानंद गिरि महाराज के मुताबिक पंजाब में उनके माता-पिता ने उन्हें गुरुजी को सौंप दिया था.

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें.

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