रेल पटरी किनारे पोल पर क्यों लिखे होते हैं नंबर? 99 फीसदी नहीं जानते जवाब

Shailjakant Mishra
Nov 15, 2024

Indian Railways

भारतीय रेलवे की गिनती दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में होती है. इसे भारत की लाइफलाइन भी कहा जाता है.

यात्रियों की सुरक्षा

रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं. आपने भी एक न एक बार इससे सफर जरूर किया होगा.

रेलवे के नियम

रेलवे से जुड़े कई नियम, साइन, उपकरण आदि ऐसे होते हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं.

मास्ट

रेलवे की भाषा में इन खंभों को मास्ट कहा जाता है. ज्यादातर ये मास्ट कंक्रीट के होते हैं. ये किसी अन्य धातु के भी हो सकते हैं.

कितनी दूरी

इन मास्ट के बीच में आमतौर पर 60 मीटर की दूरी रहती है लेकिन अगर घुमावदार ट्रैक है तो दो मास्ट के बीच की दूरी को कम भी किया जा सकता है.

क्या काम

रेलवे के इन खंभों पर देखा होगा कि 12/8 या 73/7 जैसे नंबर लिखे होते हैं. जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद काम के होते हैं.

रेलवे रहता सतर्क

रेलवे ट्रेन का संचालन करने में कितनी सतर्कता बरतता है, इसका अंदाजा आप इन पोल और इन पर लिखे नंबर की उपयोगिता से लगा पाएंगे.

खंभों पर क्यों लिखे होते हैं नंबर

इन मास्ट पर लिखे नंबर सीधे तौर पर यात्रियों के काम के नहीं होते हैं लेकिन आपात स्थिति या दुर्घटना से बचाने में इनकी भूमिका बेहद अहम हो जाती है.

हादसे होने की संभावना

पटरी खराब होने पर यह हादसे की वजह बन सकती है. लोको पायलट इन नंबर के जरिए जानकारी देता है कि इस नंबर के पास पटरी खराब है.

खराब ट्रैक का चलता पता

इन नंबर के जरिए पता चल जाता है कि कहां का ट्रैक खराब है, जिसे ठीक करने में आसानी रहती है.

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.

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