भगवान राम ने क्यों किया था ऋषि शंबूक का वध, क्यों तपस्या के बीच काट दी गर्दन

Pradeep Kumar Raghav
Oct 07, 2024

राम के पाप से ब्राह्मण पुत्र की मृत्य!

एक ब्राह्मण भगवान राम के दरबार में आता है और दावा करता है कि उसके आठ वर्षीय पुत्र की मृत्यु राम के पाप के कारण हुई है

ऋषि वशिष्ठ का राम से अनोखा कथन

ऋषि वशिष्ठ बताते हैं कि राम के राज्य में शंबूक नामक एक शूद्र तपस्या कर रहा है, जो पाप माना जाता है.

ऋषि वशिष्ठ की भगवान को सलाह

शंबूक शीर्षासन में तपस्या कर रहा है, और वशिष्ठ सलाह देते हैं कि राम को उसे रोकना चाहिए.

राम ने किया शंबुक का वध

राम उस स्थान पर जाते हैं और शंबूक का वध करते हैं, जिसके बाद ब्राह्मण पुत्र का जीवन वापस मिल जाता है.

कहानी पर उठे सवाल

शंबूक के वध की कहानी यह सवाल उठाती है कि शूद्र ऋषि की तपस्या से ब्राह्मण पुत्र की मृत्यु का कैसे संबंध हो सकता है.

भगवान राम पर उठते हैं सवाल

शंबूक वध से यह भी सवाल उठता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाने वाले राम ने शंबूक वध से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल क्यों नहीं किया.

शंबूक वध की अजीब वजह

शंबूक वध के पीछे यह भी कारण दिया जाता है कि शंबूक सिर से उल्टा लटक कर तपस्या कर रहे थे, जो तपस्या की सही विधि नहीं है, इसलिए उनका वध किया.

तपस्या की सही विधि क्या

बताया जाता है कि जो साधक ब्रह्म को प्राप्त करना चाहता है, उसे तपस्या अपने सिर उपर और पैर नीचे यानि पद्मासन में करनी चाहिए.

Disclaimer

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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