पवन सेंगर/लखनऊ: राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गयी है. आचार संहिता का अनुपालन पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों, उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं के अलावा सत्ताघारी दल के प्रतिनिधियों को भी करना होगा


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या होती है आचार संहिता?
आचार संहिता लगते ही चुनाव प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण, प्रमोशन आदि पर भी रोक लग जाती है. पंचायतों से संबंधित नए विकास कार्यों, योजनाओं की शुरुआत भी इस दरम्यान नहीं हो होते हैं. हालांकि चुनावी घोषणा से पहले जितने तबादले, नए कार्य के फैसले ले लिए जाते हैं, उन पर इसका असर नहीं पड़ता है. आचार इसलिए लिए लगाई जाती है ताकि कोई व्यक्ति धन, बल के आधार लोगों को प्रभावित न किया जा सके. यूपी पंचायत चुनाव 2021 के मद्देनजर 2 मई तक आचार संहिता लागू रहेगी.


UP Panchayat Chunav Date: जानिए आपके जिले में कब होंगे चुनाव, 2 मई को आएगा रिजल्ट


इन चीजों पर लग जाता है प्रतिबंध
सत्ताधारी दल के प्रतिनिधि, उम्मीदवार, उम्मीदवार के चुनाव एजेंट किसी भी सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी, अर्धसरकारी विभाग के निरीक्षण गृह, डाक बंगला व अन्य किसी विश्रामगृह का प्रयोग चुनाव प्रचार या चुनाव कार्यालय के लिए नहीं करेंगे. चुनाव के दौरान सत्ताधारी दल के मंत्री सरकारी दौरों को चुनाव कार्य से नहीं जोड़ेंगे और न ही सरकारी तंत्र या कर्मचारियों का उपयोग ही करेंगे.


इन दो स्थितियों में की जा सकती है सरकारी मदद
चुनाव अवधि में पंचायतों से सम्बंधित सरकारी, अर्धसरकारी विभाग, संस्था, सार्वजनिक उपक्रम द्वारा किसी भी नई योजना, परियोजना, कार्य, कार्यक्रम की घोषणा या उसकी शुरुआत नहीं की जाएगी. चालू परियोजना, कार्यों में जो काम चालू हैं और धनराशि जारी की जा चुकी है, वे कार्य यथावत चलते रहेंगे. चालू परियोजना, कार्य में कोई नई वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जाएगी. हालांकि दैवीय आपदा और मानवजनित दुर्घटना में दी जाने वाली मदद राशि पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा.


पंचायत चुनाव लड़ने का अजब-गजब उपाय, दावेदारी के लिए OBC महिला से करा दी बेटे की शादी


मंत्री नहीं दे सकते सरकारी योजनाओं का ऐलान
केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री किसी मतदान केन्द्र पर मतदाता होने के अलावा अन्य किसी हैसियत से प्रवेश नहीं करेंगे. चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव से सम्बंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादलों, नियुक्ति व प्रोन्नति पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. अपरिहार्य स्थिति में उक्त तबादला, नियुक्त या प्रोन्नति राज्य निर्वाचन आयोग की पूर्वानुमति के बाद ही की जा सकेगी.


पुलिस वालों के सामने महिलाओं ने सभासद को गिराकर मारा, देखिए Viral Video


उम्मीदवारों को रखना होता है ये ध्यान
उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधि ऐसा कोई काम लिखकर, बोलककर या किसी प्रतीक के जरिये नहीं करेंगे जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय, जाति या सामजिक वर्ग एवं उम्मीदवार, राजनीतिक दल, राजनीतिक कार्यकर्ता की भावना आहत हो या उससे विभिन्न वर्गों, व्यक्तियों के बीच तनाव पैदा हो. पूजा स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर व गुरुद्वारे आदि का उपयोग चुनाव में प्रचार के लिए या चुनाव सम्बंधी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जाएगा.


WATCH LIVE TV