इस बारे में सरफराज ने बताया कि पिछली बार वह 27 वोटों से चुनाव हार गया था. इस बार मेरा गांव ओबीसी हो गया तो गांव वालों ने कहा कि आप अपने बेटे की शादी ओबीसी में कर दीजिए. गांव वालों के सुझाव के बाद हमने फेसबुक में बेटे के रिश्ते के लिख दिया.
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त्रिपुरेश त्रिपाठी/देवरिया: उतर प्रदेश के देवरिया से पंचायत चुनाव को लेकर एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई है. ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ाने के लिए एक शख्स ने अपने बेटे की शादी महिला से शादी करा दी. अब आप सोच रहे होंगे कि शादी ही तो कराई है, गलत क्या किया है? लेकिन मजे की बात यह है कि शख्स ने अपने बेटे की शादी ओबीसी महिला से कराई है जबकि वह खुद सामान्य वर्ग से आता है.
मामला है देवरिया जनपद के तरकुलवा ब्लॉक के नारायणपुर गांव का. जहां के रहने वाले सरफराज सामान्य वर्ग में आते हैं. 2015 के ग्राम प्रधान चुनाव में नारायणपुर सामान्य सीट थी और सरफराज चुनाव लड़े थे. उन्हें 27 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा था. यूपी में मुसलमान सामान्य कोटे में हैं.
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इस बार नई आरक्षण प्रणाली में नारायणपुर गांव ओबीसी कोटे के लिए रिजर्व हुई है. इसमें दावेदारी पेश करने के लिए सरफराज ने बेटे सेराज की शादी मुस्लिम लड़की से करा दी, जो ओबीसी कोटे से आती है. अब सरफराज अपनी बहू सलमा खातून अंसारी को पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनाएंगे.
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इस बारे में सरफराज ने बताया कि पिछली बार वह 27 वोटों से चुनाव हार गया था. इस बार मेरा गांव ओबीसी हो गया तो गांववालों ने कहा कि आप अपने बेटे की शादी ओबीसी में कर दीजिए. गांव वालों के सुझाव के बाद हमने फेसबुक में बेटे के रिश्ते के लिख दिया. इसके बाद हमने कुशीनगर की रहने वाली सलमा से अपने बेटे की शादी कर दी. वही सरफराज के बेटे सेराज का कहना है कि वह पढ़े-लिखें हैं और जाति पर विश्वास नहीं करते हैं. मेरी बीवी पंचायत चुनाव लड़ेगी. परिवार के लोग पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं गांव के बेचू शर्मा का कहना है कि चुनाव लड़ने के लिए सरफराज ने अपने बेटे की शादी ओबीसी में की है. सरफराज एक अच्छे आदमी हैं. गांव में उनकी छवि एक सभ्य व्यक्ति की तरह है.
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