लखनऊ: उत्तरप्रदेश में क्या यूपी में LOVE के नाम पर जिहाद की साजिश चल रही है? सवाल इसलिए क्योंकि यूपी स्टेट लॉ कमीशन ने राज्य में धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है. स्टेट लॉ कमीशन ने यूपी में धर्मांतरण को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी में बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण हो रहे हैं. धर्म परिवर्तन के लिए लव जेहाद को भी वजह बताया गया है. हिंदुओं और खासकर एससी-एसटी को लालच देकर धर्मांतरण कराया जाता है. 


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यूपी स्टेट लॉ कमीशन के चेयरमैन आदित्यनाथ मित्तल का कहना है कि भारत के करीब 10 राज्यों ने धर्मांरण पर कानून बना रखा है. हमारे यहां भी इस बारे में विधानसभा में अनेक बार प्रश्न उठ चुके हैं और इस पर सरकार से सफाई भी मांगी गई है. हमारे यहां जो अल्पसंख्यक हैं वो बहुसंख्यकों में से धर्म परिवर्तन करा रहे हैं और ऐसे मामलों में ईसाई समुदाय और मुस्लिम समुदाय दो समुदाय विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि धर्मांतरण का ममला सिर्फ उत्तर प्रदेश का नहीं है. धर्मांतरण पर समय-समय पर राष्ट्रीय कानून की मांग होती रही है. 


यूपी लॉ कमीशन की रिपोर्ट में क्या है? 
1. अच्छी नौकरी, अच्छी जीवन शैली का लालच 
2. लोगों को शादी करने के लिए उकसाया जाता है
3. अभी धर्मांतरण रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है
4. भारत में बहुत पहले से धर्मांतरण कराया जाता है
5. 20 वर्षों में अरुणाचल में 5% से 80% हुए ईसाई
6. उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण पर कानून होना चाहिए
7. उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रोकने की मांग होती रही है
8. धर्मांतरण स्वेच्छा से नहीं किसी के दबाव में होता है
9. दबाव या लालच में धर्मांतरण पर 3 साल की सजा 
10. नाबालिग, SC/ST के जबरन धर्मांतरण पर 7 साल सजा


 



धर्मांतरण के चक्रव्यूह को तोड़ने की आखिरी कोशिश शुरू हो गई है. धर्मांतरण के आड़ में लव जेहाद का जो पूरा सिस्टम चल रहा है उसके खिलाफ अब उत्तर प्रदेश सरकार बड़ी कार्रवाई कर सकती है और इस एक्शन का आधार तैयार किया है उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन ने .उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन ने राज्य में धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी में बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण हो रहे हैं. धर्म परिवर्तन के लिए लव जेहाद को भी वजह बताया गया है. हिंदुओं और खासकर एससी-एसटी को लालच देकर धर्मांतरण कराया जाता है. इसीलिये राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना जरूरी है. 


धर्मांतरण पर कानून क्यों ज़रूरी है 
धर्मांतरण पर कानून क्यों ज़रूरी है इसे समझने के लिए ये आंकड़े देखिये. 10 राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बन चुका है. 20 वर्षों में अरुणाचल में 5% से 80% लोग ईसाई हो गए. अब यूपी लॉ कमिशन ने धर्मांतरण पर कानून की सिफारिश की है. इसके तहत जबरन धर्मांतरण कराने वालों को 7 साल होगी... इतना ही नहीं... 1652 हिंदुओं ने गुजरात में 2013 से 2018 के बीच धर्म बदल लिया.. केरल में 2006 से 2009 के बीच 2868 लड़कियां लव जेहाद का शिकार हुईं. देश में धर्मांतरण और लव जेहाद मुद्दा पहले भी उठता रहा है. अलग-अलग मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी के नेता इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. 


संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 20 दिसंबर, 2014 को अपने एक बयान में कहा था, "जो भूले भटके बिछड़ गए उनको वापस लाएंगे, खुद नहीं गए लोभ, लालच, जबर्दस्ती से लूट लिए गए. पसंद नहीं तो क़ानून लाओ, संसद में क़ानून लाओ." बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिसंबर 2014 ने भी धर्मांतरण पर कहा था, "एक ही पार्टी (बीजेपी) देश में ऐसी है जो जबरन धर्मपरिवर्तन को समाप्त करने के लिए क़ानून लाने के पक्ष में है. ऐसे में सवाल ये है कि जब धर्मांतरण इतना बड़ा मुद्दा है तो 'धर्मांतरण' के ख़िलाफ़ 'एक देश, एक क़ानून' कब? क्या धर्मांतरण के खिलाफ कानून से रुकेगा 'लव जेहाद'? धर्मांतरण की 'दुकान' पर संसद से कानून कब?