अपराध रोकने के लिए योगी सरकार ने 75 जिलों में तैनात किए नोडल IPS अफसर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपराध रोकने की समीक्षा बैठक के बाद 75 जिलों में नये नोडल आईपीएस अफ़सर तैनात कर दिए हैं. इसी सूची भी जारी की गई है. राजधानी लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर को और सुरक्षित बनाने के लिए यहां कमिश्नर सिस्टम की शुरुआत की गई थी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपराध रोकने की समीक्षा बैठक के बाद 75 जिलों में नये नोडल आईपीएस अफ़सर तैनात कर दिए हैं. इसी सूची भी जारी की गई है.
योगी सरकार ने विकरू हत्याकांड से सबक लेते हुए बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश के हर जिले में हो रही पुलिसिंग पर नजर रखने के लिए जिला कप्तान के साथ एक नोडल अधिकारी भी रहेगा.जिले में तैनात कप्तान के कामकाज की समीक्षा के लिए एक सीनियर आईपीएस अधिकारी को नोडल अफसर बनाया गया है. प्रदेश के 75 जिलों में 75 आईपीएस अफसर तैनात भी कर दिए गए हैं. ये 17 जुलाई तक अपने जिले में पहुंचकर समीक्षा शुरू कर देंगे.
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नोडल अधिकारी जिले में थानेदार से लेकर सिपाहियों तक की छवि, उनके कामकाज, समाज में उनकी छवि को देखेंगे. इसके साथ ही नोडल अधिकारी थाने और जिले स्तर पर बनी टॉप टेन अपराधियों की सूची की समीक्षा करेंगे. इन सबके साथ नोडल अधिकारी कोरोना काल में बनाए गए कंटेनमेंट जोन की व्यवस्था, जिले में मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, नाइट कर्फ्यू के पालन पर सरकार को अपनी रिपोर्ट देंगे.
राजधानी लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर को और सुरक्षित बनाने के लिए यहां कमिश्नर सिस्टम की शुरुआत की गई थी. पुलिस कमिश्नरेट के 6 महीने पूरे होने पर विभाग की ओर से तुलनात्मक क्राइम डेटा जारी किया गया है. इस डेटा में 14 जनवरी से 14 जुलाई के बीच हुए अपराध की तुलना 2018 और 2019 से की गई है. आंकड़ों के मुताबिक पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद लखनऊ में अपराध में भारी कमी आई.
गौतमबुद्ध नगर में रंग ला रही कमिश्नरेट प्रणाली, पिछले 6 महीने में कम हुआ क्राइम
पुलिस कमिश्नरेट के मुताबिक कमिश्नरी सिस्टम के अंडर डकैती में 75 फीसदी, लूट में 56 फीसदी, हत्या में 35 फीसदी और रेप की घटनाओं में 34 फ़ीसदी की कमी आई है. इसके अलावा अब तक 45 माफियाओं को चिन्हित किया गया और गैंगस्टर एक्ट के एक आरोपी की संपत्ति भी ज़ब्त की गई.
वहीं पिछले 180 दिनों में कमिश्नरेट गौतम बुद्धनगर में कमिश्नरेट प्रणाली की वजह से जिले में अपराध को नियंत्रित करने में 65 प्रतिशत सफलता हासिल हुई है. आंकड़ों की मानें तो डकैती के मामलों को आधा करने में कामयाब मिली है. 2019 और 2020 के जनवरी से जून तक के आंकड़े बताते हैं कि इस साल गौतमबुद्ध नगर में एक भी डकैती और फिरौती नहीं हुई. वहीं पिछले साल इस वक्त तक 94 लूट की वारदातें हुईं जबकि इस साल महज 45 हुईं. बालात्कार की घटनाएं भी पिछले साल इस वक्त तक 54 थीं, जो इस साल महज 21 है.