लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने लव जिहाद के ​खिलाफ अध्यादेश पर मुहर लगा दी है. मंगलवार शाम हुई योगी कैबिनेट की बैठक में 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' पेश किया गया, जिसको मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी. अब इस अध्यादेश को योगी सरकार राज्यपाल के पास भेजेगी. उनकी स्वीकृत मिलने के बाद अध्यादेश कानून बन जाएगा.


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यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कैबिनेट मीटिंग से बाहर निकलने के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा, ''उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को माननीय मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है. निश्चित तौर पर किसी को अंधेरे में रखकर, सच छिपाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करना अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसा नहीं होना चाहिए, लव जिहाद के बिल का मूल मंत्र भी यही है. इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है.''


उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कैबिनेट में हुए फैसले की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ''हमारी सरकार 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' लेकर आई है. यह अध्यादेश उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है. 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तित किया जा रहा है. इसके अंदर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है. इसपर कानून बनाना एक आवश्यक नीति बनी, जिसपर कोर्ट के आदेश आए हैं और आज योगी जी की कैबिनेट अध्यादेश लेकर आई है.''


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लव जिहाद के मसौदे में क्या है प्रावधान?
अध्यादेश के मुताबिक अब उत्तर प्रदेश में लव जेहाद यानी गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या धर्म छिपाकर शादी करने के मामले में सख्त सजा का प्रावधान होगा. शादी से पहले धर्म परिवर्तन के लिए 2 माह पहले नोटिस देना होगा. स्थानीय जिलाधिकारी ऐसे मामलों में अनुमति देंगे. नाम और धर्म छिपाकर शादी करने, सामूहिक रूप से अवैध धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल होगी. महिला, एससी/एसटी या वल्नरबल ग्रुप का अवैध रूप से धर्म परिवर्तित कराने पर 2 साल से 10 साल तक की जेल की सजा भुगतनी होगी.


लव जिहाद के खिलाफ योगी सरकार के अध्यादेश के मुख्य बिंदु


>लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश में 10 साल तक की सजा है. 15000 से ₹50000 तक का जुर्माना है.
>अध्यादेश में शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन अवैध घोषित किया गया है.
>धर्मगुरु धर्म परिवर्तन करता है तो उसे जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी.
>जो धर्म परिवर्तन करेगा उसे भी जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी.
>यदि कोई सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कर आता है तो उसे 10 साल की सजा और ₹50000 का जुर्माना देना होगा.
>यदि ऐसा करने वाला कोई संगठन है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है. उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई हो सकती है.


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