Lucknow News: यूपी के 19 शहर में दौड़ेंगी ई-बसें, इन बड़े शहरों के लिए तैयार किए जा रहे हैं प्रस्ताव
Electric bus in up: उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतर परिवहन सुविधा के लिए एक और कदम आगे बढ़ा दी है. यहां के 17 नगर निगम समेत 19 शहर में ई-बसों के चलाए जाने की तैयारी है. बसें पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत चलाई जाएंगी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेहतर परिवहन सुविधा को लेकर एक और कदम उठाए गए हैं. प्रदेश के 17 नगर निगम के साथ ही 19 शहरों में ई-बसें चलाई जाएंगी जोकि पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत चलेंगी. इस योजना को लेकर काम शुरू करने के लिए नगर विकास विभाग प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया और जल्दी ही केंद्र को भी इस प्रस्ताव को भेज दिया जाएगा. बड़े शहरों में 150-150, वहीं मझोले शहरों में 100-100 व छोटे शहरों में 50-50 बसों के चलाए जाने की तैयारी है.
छोटी एसी ई-बसों का संचालन
केंद्र की फेम इंडिया योजना के अंतर्गत मौजूदा समय में यूपी के 14 शहरों में छोटी एसी ई-बसों का संचालन हो रहा है. वहीं, इस योजना के फेस-दो में 300 के करीब बसों को लाया जाना था. तभी केंद्र सरकार की ओर से पीएम ई-बस सेवा को शुरू किया गया. जिसके कारण फेस-दो में नई बसें न खरीदे जाने को लेकर विचार किया जा रहा है.
इन जिलों में 150-150 बसें
नगर विकास विभाग की ओर से नई बसों की मांग पीएम ई-बस सेवा में की गई और इस संबंध में हाई लेवल पर पहले चरण की बात कर ली गई है. इस को बेस बनाकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. नगर विकास विभाग में जिस तरह के प्रस्ताव बनाए गए हैं उन पर गौर करने से पता चलता है कि बड़े शहरों जैसे कि लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद में नई बसों को चलाए जाने की संख्या 150-150 होंगी. 100-100 बसें जिन जिलों में चलाए जाने का प्रस्ताव है वो जिलें हैं-
वाराणसी, आगरा
झांसी, प्रयागराज
मेरठ व बरेली
अलीगढ़, और मुरादाबाद
गोरखपुर, फिरोजाबाद
व गौतमबुद्धनगर
वहीं जिन जिलों में 50-50 बसें चलाई जाएंगी वो जिले हैं अयोध्या, शाहजहांपुर, मथुरा और रामपुर व सहारनपुर.
चार्जिंग को लेकर भी प्रस्ताव
नगर विकास विभाग की ओर मांग की गई है कि इन बसों को चरणवार तरीके से उपलब्ध कराया जाए. इन शहरों को 10 से 15 बसें हर चरण में उपलब्ध कराई जाएंगी. एक से दो साल के भीतर सभी बसें इन शहरों को मुहैया कराई जाएंगी. बसों के रख-रखाव के साथ ही इनकी चार्जिंग के संबंध में भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है ताकि खराब होने की स्थिति पैदा हो तो उस पर काम किया जा सके.