लखनऊ: योगी सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़े गए तीन व्यक्तियों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का फैसला किया है. दरअसल कानपुर की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जो इसकी कालाबाजारी करने में शामिल थे.


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मिलिट्री इंटेलिजेंस इनपुर मिलने पर यूपी एसटीएफ ने की थी कार्रवाई
यूपी एसटीएफ के मुताबिक उन्हें मिलिट्री इंटेलिजेंस से जानकरी मिली कि एक संदेहास्पद ग्रुप रेमडेसिविर कोविफॉर (Remdesivir Covifor) की कालाबाजारी कर रहा है. गुरुवार को कानपुर के किदवई नगर में छापेमारी कर पुलिस ने तीन आरोपियों सचिन कुमार, मोहन सोनी और प्रशांत शुक्ला को गिरफ्तार किया था. पुलिस को इनके पास से रेमडेसिविर की 265 बोतलें मिली थीं. UP STF के मुताबिक ये लोग एक बोतल 4000 रुपये तक में बेच रहे थे. कुल 265 बोतल के हिसाब से यह आंकड़ा 10 लाख रुपए से ज्यादा बैठता है. 


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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शन एक जीवन रक्षक दवा है, जिसका उपयोग कोविड के अति गंभीर मरीजों के इलाज में किया जाता है. इस समय देश में इस इंजेक्शन की भारी कमी चल रही है. कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के कारण डिमांड बढ़ने के साथ इसकी एक बड़ी वजह रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग भी है.   


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