यूपी में अगले 6 माह तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे बिजली विभाग के कर्मचारी! जानिए क्या है वजह
उत्तर प्रदेश सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण, 1996 की धारा 3 की उपधारा (1) के द्वारा दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए प्रदेश में एस्मा लागू किया है.
लखनऊ: यूपी के बिजली कर्मचारी अब छह माह तक किसी भी समस्या को लेकर हड़ताल नहीं कर सकेंगे. प्रदेश में विद्युत विभाग के अधीन समस्त सेवाओं में अगले 6 महीने के लिए हड़ताल करने या धरना प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई है. इसको लेकर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने आदेश भी जारी किया है.
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कर्मचारी 6 महीने तक नहीं कर सकेंगे हड़ताल
उत्तर प्रदेश सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण, 1996 की धारा 3 की उपधारा (1) के द्वारा दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए प्रदेश में एस्मा लागू किया है. इस संबंध में ऊर्जा विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है. आदेश के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL), उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड लखनऊ, उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लिमिटेड लखनऊ, उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड कानपुर, इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी केस्को, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लखनऊ, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी, पश्चिम बंगाल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मेरठ और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा में हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है. इस आदेश के बाद इन विभागों से संबंधित कर्मचारी अगले 6 महीने तक हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे.
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इससे पहले भी 6 माह के लिए एस्मा लगा था
गौरतलब है कि बीते नवंबर महीने में भी राज्य सरकार ने प्रदेश में 6 महीने तक किसी भी सरकारी विभाग, सरकार के नियंत्रण वाले निगम और प्राधिकरणों आदि में हड़ताल करने या धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई थी. राज्य में 25 मई तक आवश्यक सेवा रख-रखाव अधिनियम (Essential Services Maintenance Act) लागू करने का निर्देश दिया गया था.
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क्या है आवश्यक सेवा रख-रखाव अधिनियम?
आवश्यक सेवा रख-रखाव अधिनियम (Essential Services Maintenance Act) लागू होने पर हड़ताल को अवैध माना जाता है. इसमें विभिन्न आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी शामिल किए जाते हैं. एस्मा का उल्लंघन करने वाले कर्मचारी को एक साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही दंड दिए जा सकते हैं. एस्मा लागू होने के बाद पुलिस को यह अधिकार मिल जाता है कि वह कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है.
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