लखनऊ: योगी सरकार (yogi adityanath) के प्रवासी श्रमिक कल्याण आयोग ने हर कामगार के हाथ में काम देने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है. आयोग ने अब तक 14.75 लाख कामगारों (migrant workers) की स्किल मैपिंग (skill mapping) का काम पूरा कर लिया है और बाकी बचे श्रमिकों की भी स्किल मैपिंग जारी है. सीएम योगी (cm yogi) आदित्यनाथ ने टीम-11 की बैठक में आयोग के गठन के साथ ही श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने की योजना तैयार कर ली है. इस काम के लिए गैर राज्यों से लौटे श्रमिकों और मजदूरों का पूरा ब्यौरा तैयार कराया जा रहा है. 


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स्किल मैपिंग का यह है ब्यौरा


स्किल मैपिंग में सबसे बड़ी 1,51, 492 की तादाद रीयल स्टेट डेवलपर और वर्कर्स की है. फर्नीचर और फिटिंग के 26989 टेक्निशियन, 26041 बिल्डिंग डेकोरेटर हैं. होम केयरटेकर्स की संख्या 12633 है, 10,000 ड्राइवर हैं. आईटी और इलेक्ट्रानिक्स के 4680 टेक्कनिशियन, होम एप्लांयसेज के 5884 टेक्नीशियन हैं. आटोमोबाइल टेक्निशियन की संख्या 1558 है. पैरामेडिकल एवं फार्माक्यूटिकल के 596 वर्कर्स, 12103 ड्रेस मेकर, 1274 ब्यूटिशियन, 1284 हैंडिक्राफ्ट एंड कारपेट्स मेकर, 3364 सिक्योरिटी गार्डस हैं. इसके अलावा भी दूसरे कौशल में निपुण कई कामगारों की मैपिंग हुई है.


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स्किल मैपिंग के बाद दिया जाएगा ट्रेनिंग भत्ता 
कामगार/ श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग के जरिए ही इन्हें रोजगार दिया जाएगा. सरकार सभी कामगारों/श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा भी देगी. हर कामगार श्रमिक को  बीमा की सुरक्षा मिलेगी और प्रदेश में एक जनपद के कामगार व श्रमिक को दूसरे जनपद में रोजगार मिलने पर सरकार आवासीय व्यवस्था भी दी जाएगी. यूपी सरकार स्किल मैपिंग के बाद इनकी ट्रेनिंग कराएगी, जिस दौरान उन्हें ट्रेनिंग भत्ता दिया जाएगा. अब कोई भी राज्य सरकार बिना सरकारी अनुमति के उत्तर प्रदेश के श्रमिकों/कामगारों का उपयोग नहीं कर पाएगी. उनकी आवश्यकतानुसार यूपी सरकार खुद उन्हें मैन पावर को उपलब्ध कराएगी.


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