करप्ट अफसरों पर वार कर योगी सरकार ने बनाया रिकॉर्ड, साढ़े 3 साल में 775 पर गिरी गाज
योगी सरकार बनने के बाद पुराने मामलों, घोटाले में शामिल रहे लोगों के खिलाफ रिटायर होने के बाद भी कार्रवाई हुई है. अब तक सरकार अलग-अलग विभागों के 325 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर भी कर चुकी है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भ्रष्ट अफसरों पर वार करने के मामले में योगी सरकार ने रिकॉर्ड बनाया है. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए सीएम योगी ने साढ़े तीन साल में कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की है. साढ़े तीन साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में 775 अफसरों पर कार्रवाई हुई है. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने आईएएस-आईपीएस से लेकर इंजीनियर्स तक पर कार्रवाई की है.
योगी सरकार बनने के बाद पुराने मामलों, घोटाले में शामिल रहे लोगों के खिलाफ रिटायर होने के बाद भी कार्रवाई हुई है. अब तक सरकार अलग-अलग विभागों के 325 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर भी कर चुकी है. साथ ही 450 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों का निलंबन और डिमोशन हो चुका है.
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किस विभाग के कितने अधिकारियों पर गिरी गाज
योगी सरकार में सबसे ज्यादा ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है, अब तक 169 अधिकारियों पर गाज गिरी है. वहीं गृह विभाग के 51, परिवहन विभाग के 37, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.
वहीं, बेसिक शिक्षा के 26 तो पंचायतीराज के 25 अधिकारियों पर गाज गिरी है. पीडब्ल्यूडी के 18 अफसरों पर कार्रवाई हुई है. जबकि श्रम विभाग, संस्थागत वित्त विभाग, कमर्शियल टैक्स, मनोरंजन कर के 16-16 अधिकारियों के खिलाफ योगी सरकार ने एक्शन लिया है. वहीं, ग्राम्य विकास विभाग के 15, वन विभाग के 11 और PPS के 7 अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.
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