नई दिल्ली: दुनिया में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को आए काफी समय हो चुका है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जारी जंग के बीच लोगों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सहारा बताया गया था. कोविड वैक्सीन (Corona Vaccine) आने के पहले हम सभी लोग '2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी' जैसी सलाह को मंत्र मानते हुए फॉलो करते आए हैं. हालांकि ये दूरी कितनी हो इस पर सवाल उठते रहे हैं. इस बीच हाल ही में सामने आई एक गाइडलाइन में 6 फीट की दूरी को कोरोना से बचने के लिए नाकाफी बताया गया है.


सीडीसी की नई गाइडलाइंस


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कोरोना वायरस (Coronavirus) से जारी जंग में अहम भूमिका निभा रही अमेरिकी संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने नई गाइडलाइंस (CDC Guideline) जारी की हैं. जिसमें कहा गया है कि 6 फीट की दूरी कोरोना से बचाने के लिए काफी नहीं है. सीडीसी की गाइडलाइंस दुनिया के कई देशों में फॉलो की जाती हैं. ऐसे में सीडीसी जब अपने पुराने निर्देशों से हटकर अलग बात कह रही है तो लोगों में हैरानगी बढ़ना लाजमी है.


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पहली लहर में बताया था ये उपाय


दुनिया में महामारी आने के बाद सीडीसी ने कहा था कि कोरोना संक्रमण का तेज प्रसार आपके आस-पास मौजूद लोगों के करीबी संपर्क (Close Contact) में आने और सार्वजनिक या ज्यादा लोगों के इस्तेमाल होने वाली सतह को छूने (Surface Transmission) से होता है. इस सर्फेस टच में लिफ्ट की बटन, डोर बेल और दरवाजों के हैंडल जैसी चीजों को छूते वक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी. नई गाइडलाइंस के मुताबिक एयरबॉर्न वायरस अब एक मीटर की दूरी पर भी खड़े दूसरे शख्स को संक्रमित कर सकता है. 


मिस्ट पार्टिकल थ्योरी


ताजा शोध में पता चला है कि वायरस, मिस्ट पार्टिकल के रूप में ट्रांसमिट होने के साथ-साथ प्रसार करता है. ऐसा तब होता है जब संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांस के जरिए रेस्पिरेट्री फ्लूड बाहर छोड़ा जाता है. ऐसी स्थितियों के दौरान हवा में सांस के द्वारा छोड़ा जाने वाला वायरस मिस्ट पार्टिकल के रूप में काफी समय तक तैरता रहता है. यानी अब सीडीसी ने सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर 2 गज से ज्यादा दूरी का ध्यान रखने की सलाह दी गई है. 


घर के अंदर बढ़ाएं सावधानी


सीडीसी के शोध में ये भी कहा गया है कि मुख्यतौर पर लोग संक्रमित रेस्पिरेट्री फ्लूड से ही कोरोना वायरस के संपर्क में आते हैं. ऐसे में खराब वेंटिलेशन वाली जगहों या घरों पर एरोसॉल (Aerosol) हवा में काफी देर तक तैरता रहता है जो एक मीटर से ज्यादा दूरी तक हवा में फैल कर लोगों को संक्रमित कर सकता है. इसलिए नई गाइड लाइंस के तहत अब लोगों को घरों में भी मास्क लगाने के साथ ज्यादा दूरी रखने और घर के प्रॉपर वेंटिलेशन पर भी फोकस करना चाहिए.



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